कर्नाटक की सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी के लिए कल का दिन अहम
बीजेपी के लिए कर्नाटक की सियासत में बने रहने के लिए कल का दिन अहम होगा. कल चुनाव आयोग ने घोषणा की कि राज्य की 17 विधानसभा सीटों पर 21 अक्टूबर को उप चुनाव होंगे. इस संबंध में कल सुप्रीम कोर्ट में 15 बागी विधायकों की याचिका पर होने जा रही सुनवाई अहम होगी.
जुलाई में राज्य में 14 महीने पहले ही सत्ता में आई कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार छोड़ दोनों पार्टियों के 15 बागी विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. जिसके बाद तत्कालीन स्पीकर रहे केआर रमेश कुमार ने विधान सभा का कार्यकाल खत्म होने तक इन विधायकों को अयोग्य करार दिया था. अब ये विधायक तब तक उपचुनाव नहीं लड़ सकते हैं जब तक सुप्रीम कोर्ट स्पीकर के आदेश को पलट नहीं देता है.
इन 15 सीटों के साथ रायचूर की मास्की और बेंगलुरु की आरआर नगर सीट पर भी उपचुनाव होंगे. राज्य में इन 17 सीटों में होने जा रहे चुनाव बीजेपी के लिए बेहद अहम हैं. 225 सदस्यों की विधानसभा में 113 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए बीजेपी को चाहिए को वो उपचुनावों में कम से कम आठ सीटों पर कब्जा करे.
गौर करने वाली बात है कि इन 15 में से कांग्रेस ने 11 सीटों, जेडीएस ने तीन सीटों और केपीजेपी ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी. फिलहाल बीजेपी के पास 105 विधायक हैं.
चुनाव आयोग ने 15 सीटों पर उपचुनावों की घोषणा की क्योंकि अब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से अयोग करार दिए गए विधायकों की याचिका को दाखिल नहीं किया गया है.
राज्य में 21 अक्टूबर को मतदान डाले जाएंगे, वहीं 24 अक्टूबर को मतों की गणना होगी. शनिवार को चुनाव आयोग की घोषणा के बाद सभी सीटों पर आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है.
2019 आम चुनाव साथ लड़ने वाली कांग्रेस और जेडीएस ने राज्य में उपचुनाव अलग-अलग लड़ने का फैसला किया है. गठबंधन सरकार गिरने के बाद दोनों पार्टियां में हुई तीखी बयानी जंग के बाद दोनों पार्टियों की ओर से ये घोषणा सामने आई है.