ईसाई धर्म अपनाने के बाद भी कायम रहेगा एसटी का दर्जा: हाई कोर्ट
ईसाई धर्म अपनाने के बाद भी आदिवासी होने का दर्जा नहीं छीना जाएगा. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ईसाई धर्म अपनाने के बाद भी आदिवासी का दर्जा बना रहेगा. जस्टिस गौतम भादुरी ने यह फैसला एक चुनाव याचिका को खारिज करते हुए दिया.
बीजेपी उम्मीदवार समीरा पैकारा ने इस आधार पर कांग्रेस उम्मीदवार अमित अजीत जोगी की उम्मीदवारी की वैधता को चुनौती दी थी कि वह ईसाई धर्म अपना चुके हैं. इस आधार पर वह आदिवासियों के लिए आरक्षित सीट से चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.
साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अमित अजीत जोगी ने आदिवासियों के लिए आरक्षित विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. अजीत जोगी, कनवर आदिवासी समुदाय से आते हैं. उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया हुआ है.
लाइव लॉ में छपी रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अमित अजीत जोगी का परिवार आदिवासी रीति रिवाजों का पालन करता है लिहाजा उनसे आदिवासी का दर्जा नहीं छीना जा सकता है. कोर्ट ने पूर्व के फैसले को आधार बनाया.
कोर्ट ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि दोहरी नागरिकता की वजह से जोगी चुनाव लड़ने के अधिकारी नहीं है. कोर्ट ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपने पिता पर निर्भर हो और भारत वापस लौटकर आने पर उसे भारत का ही नागरिक माना जाएगा. अमित अजीत जोगी का जन्म अमेरिका में हुआ था.