ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जांच में सहयोग नहीं करेगा व्हाइट हाउस प्रशासन


 

डोनल्ड ट्रंप के कानूनी सलाहकार ने कहा है कि व्हाइट हाउस कांग्रेस की महाभियोग जांच में सहयोग नहीं करेगा.

ट्रंप के कानूनी सलाहकार पैट सिपोलोन ने संसद के निचले सदन में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं को इस संबंध में पत्र लिखा है. आठ पन्नो के पत्र में उन्होंने लिखा है, “यह देखते हुए कि आपकी जांच में किसी तरह का वैध संवैधानिक आधार नहीं है, ना ही निष्पक्षता है, यहां तक की जांच प्रक्रिया भी सुरक्षित नहीं है, इसलिए कार्यपालिका से इस जांच में सहयोग करने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.”

ट्रंप के इस कदम के बाद अब कांग्रेस और व्हाइट हाउस आमने-सामने आ गए हैं.

चिट्ठी से जाहिर हो रहा है कि इसका मकसद कानूनी तर्क के साथ ढंग से बातचीत करने के बजाय राजनीतिक खंडन करना है. माना जा रहा है कि यह ट्रंप की नई रणनीति है. ट्रंप महाभियोग से बचने के लिए पलटवार का सहारा ले रहे हैं.

अमेरिकी मीडिया के मुताबिक शिकायत में कथित रूप से कहा गया था कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पर दबाव डालकर यूक्रेनी ऊर्जा कंपनी में उनके मुख्य डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के बेटे की भागीदारी होने की जांच करने को कहा था. ट्रंप ने इस संबंध में जुलाई में फोन किया था.

अमेरिकी संसद की निचली सदन, हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (प्रतिनिधि सभा) की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने 25 सितंबर को कहा था कि राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ औपचारिक रूप से महाभियोग की जांच की जाएगी.
इसके बाद से ही ट्रंप और उनके समर्थकों ने जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे.

व्हाइट हाउस ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि सदन में महाभियोग की जांच को लेकर हुए मतदान में औपचारिकता नहीं बरती गई थी.

पेलोसी ने जोर देते हुए कहा कि सदन पूरी तरह से कायदे-कानून का पालन कर रही है और जांच करने के लिए सक्षम है.

ट्रंप प्रशासन संसद की खुफिया समिति के अध्यक्ष एडम शिफ के कामों को लेकर भी आलोचनात्मक रवैया अपना रहा है. महाभियोग की जांच इसी समिति की देखरेख में हो रही है.

ट्रम्प के निजी वकील रूडी गिउलियानी ने कहा है कि जब तक समिति के सदस्य शिफ को हटाने के लिए मतदान नहीं करते हैं वह सदन की खुफिया समिति के समक्ष गवाही नहीं देंगे. गिउलियानी ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया, “मैं उस समिति के सामने गवाही नहीं दूंगा, जब तक कांग्रेस उन्हें हटाने के लिए वोट नहीं डाल देती है. उन्होंने कहा, “अगर वे मुझे अवमानना में पकड़ लेते हैं तो हम अदालत जाएंगे. हम अवमानना को चुनौती देंगे.”

ट्रंप प्रशासन की पूरी कोशिश है कि जहां तक हो सके डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के सामने कुछ ना कुछ समस्या खड़ी की जाए.

सिपोलोन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आठ अक्टूबर को देर दोपहर में जारी किए पत्र में लिखा, “आपकी अभूतपूर्व कार्रवाइयों ने राष्ट्रपति को बिना किसी विकल्प के छोड़ दिया है. अमेरिकी लोगों के लिए अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए, संविधान, कार्यकारी शाखा और राष्ट्रपति पद के कार्यालय के सभी भविष्य में काम करने वाले राष्ट्रपति ट्रम्प और उनका प्रशासन इन परिस्थितियों में आपके पक्षपातपूर्ण और असंवैधानिक जांच में भाग नहीं ले सकते हैं.”

सिपोलोन के पत्र में महत्वपूर्ण निरीक्षण मामलों पर कांग्रेस के साथ सहयोग समाप्त करने की धमकी दी गई है. पत्र में आरोप लगाया गया है कि वे “मौलिक तरीके से और संवैधानिक रूप से अनिवार्य प्रक्रिया का उल्लंघन करने वाले” तरीके से जांच कर रहे हैं.

पत्र में कहा गया है, “संविधान की मांगों का पालन करने के लिए उपयुक्त प्रक्रियाओं को अपनाने की जरूरत है जिसमें सभी साक्ष्य देखने, साक्ष्य प्रस्तुत करने, गवाहों को बुलाने, सभी सुनवाई में वकील उपस्थित होने, सभी गवाहों से जिरह करने का अधिकार शामिल हो. इसके अलावा गवाहों की जांच या गवाही और साक्ष्यों की स्वीकार्यता और साक्ष्यों और गवाही पर प्रतिक्रिया करने से संबंधित आपत्तियां करना भी शामिल होना चाहिए.”

एक बयान में पत्र का जवाब देते हुए पेलोसी ने कहा, “व्हाइट हाउस से जारी पत्र सिर्फ हमारे लोकतंत्र के साथ विश्वासघात को ढकने के लिए और यह जताने के लिए किया गया है कि राष्ट्रपति कानून से ऊपर है. यह पत्र स्पष्ट रूप से गलत है. यह 2020 के चुनावों में हस्तक्षेप करने के लिए विदेशी शक्तियों पर दबाव डालने के ट्रंप प्रशासन के तथ्यों को छिपाने के लिए बस एक और गैरकानूनी प्रयास है.”


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