वेनेजुएला संकट: अमेरिका ने कहा सैन्य विकल्प खुला है


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लैटिन अमेरिकी देश वेनेजुएला में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है. अमेरिका पहले से ही इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहा है. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला में सैन्य हस्तक्षेप का विकल्प खुले होने की बात कही है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को जारी अपने बयान में कहा कि वेनेजुएला में सैन्य हस्तक्षेप करना एक विकल्प है. ट्रंप ने सीबीएस न्यूज को कहा, ‘‘ मैं यह नहीं कहना चाहता. लेकिन निश्चित रूप से यह (सैन्य हस्त्क्षेप) एक विकल्प है. ’’

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन बोल्टन ने वेनेजुएला को चेतावनी दी थी. बोल्टन ने कहा था कि अगर वहां अमेरिकी राजनयिकों या विपक्षी नेता जुआन गोइदो को जरा भी नुकसान पहुंचाया जाता है, तो इसका करारा जवाब दिया जाएगा.

दरअसल, पश्चिमी देश सोशलिस्ट नेता निकोलस मादुरो पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बना रहे हैं. साथ ही, वे विपक्षी नेता और स्वघोषित राष्ट्रपति जुआन गोइदो को सत्ता सौंपना चाहते हैं. अमेरिका पश्चिमी देशों के इस अभियान का नेतृत्व कर रहा है.

अमेरिका ने गोइदो को 23 जनवरी को अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर मान्यता दी थी. वो शुरूआत से ही वेनेजुएला के सोशलिस्ट शासन का विरोध करता रहा है. मादुरो पर निरंकुश शासक होने का आरोप है.

वेनेजुएला उत्तरी अमेरिका का एक तेल संपन्न देश है. इसकी सीमा कैरेबियाई द्वीपों से जुड़ी हुई है. मादुरो के नेतृत्व में वेनेजुएला आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जहां खाने पीने की चीजें और दवाइयों की कमी पड़ गई है.

आर्थिक संकट के चलते यहां जनता के एक तबके में मादुरो के खिलाफ असंतोष फैल गया है. जिसके बाद लोग लगातार सड़कों पर भी नजर आ रहे हैं. हालांकि अमेरिका पर इस देश में असंतोष भड़काने का आरोप है.

वेनेजुएला संकट में सेना की भूमिका निर्णायक हो सकती है. लेकिन अभी तक के घटनाक्रम में सेना ने फिलहाल कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभाई है. बल्कि रक्षा मंत्री के बयान तो मादुरो के समर्थन में ही आते रहे हैं.

मादुरो को शासन से बेदखल करने के लिए पश्चिमी देश आर्थिक प्रतिबंधों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. अमेरिका ने वेनेजुएला की तेल कंपनियों को चेतावनी दी है कि वे गोइदो को राष्ट्रपति मान लें. इस तरह से वे प्रतिबंध से बच सकती हैं.

फिलहाल सत्ता प्रतिष्ठानों पर कब्जे को लेकर संघर्ष जारी है. टॉयलेट पेपर से लेकर तेल, चावल और रोजमर्रा की जरूरी चीजों का वितरण सेना कर रही है.


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