ट्विटर पर कांग्रेस से अधिक लोकप्रिय हैं राहुल, मोदी का हमलावर तेवर बरकरार


twitter analysis of five state assembly election

 

मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में इस साल के अंत तक सरकारे बदल जाएंगी. पांच राज्यों के चुनाव को आम चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है. प्रमुख राजनीतिक पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने जीत के लिए पूरा जोर लगा दिया है. सोशल मीडिया पर भी यह जोर-आजमाइश दिख रही है. लेकिन दोनों पार्टियों का पैटर्न अलग है.

दोनों प्रमुख पार्टियों के ट्विटर हैंडल से विरोधियों के खिलाफ किए गए ट्वीट में बीजेपी की अपेक्षा कांग्रेस को कम री-ट्वीट मिले हैं. बीजेपी की ओर से किए गए ट्वीट को औसतन 151 फीसदी री-ट्वीट मिले हैं. वहीं कांग्रेस इस मामले में पिछड़ती नजर आती है. कांग्रेस के हमलावर ट्वीट को केवल 44 फ़ीसदी री-ट्वीट मिले हैं. पिछले चुनावों के उलट पांच राज्यों के चुनाव प्रचार के दौरान नरेन्द्र मोदी ने गांधी-नेहरू परिवार पर हमला करने के बजाय कांग्रेस के राज्य नेताओं पर सीधा हमला बोला है.

राहुल गांधी के ट्वीट को नरेन्द्र मोदी से ज्यादा री-ट्विट मिले हैं. वहीं नरेन्द्र मोदी के ट्वीट को बीजेपी के नेताओं ने री-ट्वीट कर इस कमी को पूरा किया है.

बिजनेस की अंग्रेजी अखबार द मिंट के मुताबिक एक महीने में राहुल गांधी और नरेन्द्र मोदी के एक तिहाई ट्वीट इन्ही पांच राज्यों से संबंधित हैं. कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से 40 फ़ीसदी और कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल से 35 फ़ीसदी ट्वीट किए गए हैं.

पिछले दो महीनों में बीजेपी, कांग्रेस और उनके दो बड़े नेताओं नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी के ट्विटर एप्लिकेशन प्रोग्राम इंटरफेस(एपीआई) के अध्ययन से दोनों पार्टियों की सोशल मीडिया रणनीति और उस पर मिली प्रतिक्रिया की जानकारी मिलती है.  एपीआई 3,200 ट्वीट को एक्सेस करने की अनुमति देता है.

मिंट की ओर से पिछले दो महीने के ट्वीट का अध्ययन किया गया है. पिछले महीने अक्टूबर में राहुल गांधी ने मात्र 59 ट्वीट किए. इसी दरम्यान नरेन्द्र मोदी ने 507 बार ट्वीट किया है.

कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने सबसे अधिक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर ट्वीट किया है. मध्य प्रदेश के साथ मिजोरम में 29 नवंबर को वोट डाले गए थे. वहीं छत्तीसगढ़ में दूसरा और अंतिम चरण का मतदान 20 नवंबर को मतदान हुआ है. इस मामले में कांग्रेस ने पांचों राज्यों पर करीब बराबर ध्यान दिया है. जबकि भाजपा का पूरा जोर मध्यप्रदेश में रहा है.

मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया पर भी किसी बड़े चेहरे की कमी से जूझती दिखती है. दो महीनों में हुए ट्वीट में बीजेपी की अपेक्षा कांग्रेस ने आधे से कम जगहों पर भी राज्य के नेताओं का नाम लिखा(मेंशन) है. इन तीनों राज्यों में बीजेपी को एंटी इन्कम्बेंसी को भी झेलना पड़ रहा है.


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