झारखंड: मरांडी की घोषणा के बाद JVM में फूट, दो विधायकों ने कांग्रेस में विलय की बात कही


two jvm legislator claim to merge party with congress

 

झारखंड विकास मोर्चा (पी) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा बीजेपी में अपनी पार्टी के विलय की घोषणा के बाद पार्टी के अंदर फूट पड़ गई है. झारखंड विकास मोर्चा (पी) के तीन में से दो विधायकों ने कहा है 16 फरवरी को हुई बैठक में पार्टी के ज्यादातर पदाधिकारियों ने कांग्रेस में शामिल होने का निर्णय लिया और जल्दी ही पार्टी का विलय कांग्रेस में होगा. कांग्रेस पार्टी ने भी इस बात की तस्दीक की है.

झारखंड विकास मोर्चा (पी) के दो विधायकों प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा करते हुए कहा कि चुनाव में पार्टी के तीन विधायक चुने गए थे और उनमें से दो विधायक कांग्रेस के साथ आ गए हैं, ऐसे में उनका धड़ा ही असली झारखंड विकास मोर्चा (पी) है.

इस बीच झारखंड कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी ने कहा है कि वे प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के कांग्रेस में आने के विरोध में हैं और अपने पद से इस्तीफा देंगे.

वहीं इरफान अंसारी के बयान के बारे में झारखंड कांग्रेस प्रमुख आरपीएन सिंह ने कहा कि उनकी इरफान अंसारी से बात हो गई है और सब ठीक है.

आरपीएन सिंह ने कहा, ‘जल्द ही एक तिथि तय कर झाविमो का कांग्रेस में विलय होगा. हमने राहुल गांधी से इस मौके पर शामिल होने का आग्रह किया है.’

पार्टी के कांग्रेस में विलय से जुड़े एक सवाल के जवाब में पार्टी विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष और चुनाव आयोग विधानसभा के बाहर सदस्यों की संख्या नहीं देखते वे विधानसभा के अंदर सदस्यों की संख्या देखते हैं, हमारे तीन विधायक जीते थे और दो कांग्रेस के साथ जा रहे हैं.

इससे पहले बाबूलाल मरांडी द्वारा बीजेपी में झाविमो के विलय की घोषणा करने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि यह विलय मरांडी का वास्तव में दोबारा से गृह प्रवेश है.

अमित शाह ने कहा कि कुछ निजी वजहों से बाबूलाल मरांडी बीजेपी छोड़कर चले गए थे, अब उनकी वापसी से झारखंड में पार्टी की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी.

बाबूलाल मरांडी नए झारखंड राज्य के गठन के बाद नवंबर 2000 से मार्च 2003 तक राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे थे. कुछ व्यक्तिगत कारणों से उनका पार्टी से वैमनस्य हो गया और 2006 में उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा नामक नई पार्टी का गठन कर लिया.

झाविमो ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में आठ सीटें जीती थीं और उनमें से छह विधायक दलबदल कर भाजपा में शामिल हो गए. साल 2019 के विधानसभा चुनावों में एक बार फिर से अकेले चुनाव लड़ कर झाविमो ने तीन सीटें जीतीं लेकिन हाल में पार्टी विरोधी कार्यों के आरोप में उनमें से दो विधायकों प्रदीप यादव एवं बंधू तिर्की को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. अब विधानसभा में पार्टी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ही झाविमो के अकेले विधायक शेष रह गए हैं.


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