गुरुग्राम: सेप्टिक टैंक साफ करते समय दो सफाईकर्मियों की मौत


two worker died while cleaning a septic tank in gurugram

 

सुप्रीम कोर्ट और सिविल सोसाइटी के तमाम प्रयासों के बावजूद सीवर में होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है. बीते रविवार को गुरुग्राम में एक सेप्टिक टैंक साफ करते हुए दो मजदूरों की मौत हो गई. जबकि एक की हालत गंभीर है.

ये दुर्घटना सनबीम ऑटो प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक ऑटोमोबाइल कंपनी में हुई है. कंपनी के कर्मचारी संघ के सदस्यों के मुताबिक, कंपनी की ओर से चार कर्मचारियों को सेप्टिक टैंक की सफाई करने के लिए कहा गया था.

इसके लिए शिव कुमार, असलम और शैलेश तैयार हो गए थे. जिसमें शिवकुमार और असलम नीचे टैंक में पहले उतरे. टैंक में उतरते ही दोनों जहरीली गैसों के प्रभाव में आ गए.

उनके पीछे टैंक में उतरते समय शैलेश को गैस का अंदेशा हो गया, जिससे वह तुरंत टैंक से बाहर निकल आए. बाहर आते ही शैलेश ने बाकी लोगों को अंदर के हालात के बारे में जानकारी दी.

कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मुकेश ने बताया, “उस जगह मौजूद दूसरे कर्मचारी पीड़ितों को लेकर पास के कठूरिया अस्पताल गए, जहां डॉक्टरों ने असलम और शिवकुमार को मृत घोषित कर दिया.”

कर्मचारी संघ के मुताबिक कंपनी ने सफाई के लिए छह लोगों को लिया था. इस दौरान सफाई करते समय कर्मचारियों को कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए थे.

अस्पताल प्रशासन की ओर से भी इस बारे में आधिकारिक जानकारी उपलब्ध कराई गई. अस्पताल के निदेशक डॉक्टर योगेश कठूरिया ने बताया, “यहां तीन कर्मचारियों को लाया गया था, जिनमें से दो पहले से मृत थे, जबकि एक की हालत गंभीर थी.”

इस मामले में रविवार देर रात तक कोई पुलिस कार्रवाई नहीं हुई थी. यहां तक की अभी तक रिपोर्ट दर्ज होने की भी कोई सूचना नहीं है.

मुकेश ने बताया, “हमने इस मामले की शिकायत की है और कार्रवाई पर नजर रखे हैं.” उन्होंने बताया कि रविवार देर रात तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी.

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में इस तरह का ये कोई नया मामला नहीं है. सेप्टिक टैंक में सफाई करते समय  मजदूरों की मौतें लगातार हो रही हैं.

नियमों की खुले तौर पर अनदेखी हो रही है. ये हालात तब हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट इस बारे में साफ निर्देश जारी कर चुका है.

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया था कि सभी सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाएं. इसमें ऑक्सीजन मास्क और सुरक्षा कपड़े शामिल हैं. लेकिन ये नियम सिर्फ कागजों तक सीमित रह गए हैं.


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