तीन राज्यों में बीजेपी की हार की बड़ी वजह बेरोजगारी: रिपोर्ट


Voting on May 6 on five polling booths in Andhra Pradesh after disturbing EVMs

 

हिन्दी पट्टी के तीन बड़े राज्यों में बीजेपी की हार की बड़ी वजह बेरोजगारी रही है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म(एडीआर) की ओर से ‘मतदाताओं के व्यवहार’ पर किए गए सर्वे के मुताबिक नौकरी के मोर्चे पर लोगों के असंतोष का फायदा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिला है.

‘एडीआर 2018 पैन-इंडिया सर्वे रिपोर्ट‘ के मुताबिक पांच राज्यों के मतदाता रोजगार के बेहतर अवसर चाहते हैं. नवंबर और दिसंबर महीने में इन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे.

विधानसभा चुनाव में ग्रामीण क्षेत्रों में राजस्थान के 66 फ़ीसदी, मध्य प्रदेश के 59 फ़ीसदी, छत्तीसगढ़ के 58 फ़ीसदी, मिजोरम के 69 फ़ीसदी और मिजोरम के 63 फ़ीसदी मतदाताओं के लिए रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा रहा.

यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश: लोकसभा चुनाव में क्या होगा हाल

शहरी क्षेत्रों में भी लोगों ने रोजगार के अवसर को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हुए वोट किया. राजस्थान के 69 फ़ीसदी मतदाताओं ने माना कि नौकरी उनके लिए पहली प्राथमिकता है. मध्य प्रदेश के शहरी विधानसभा क्षेत्रों के 70 फ़ीसदी, छत्तीसगढ़ के 61 फ़ीसदी, मिजोरम के 67 फ़ीसदी, तेलंगाना के 71 फ़ीसदी मतदाताओं ने रोजगार को बड़ा चुनावी मुद्दा माना.

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी(सीएमआईई) के मुताबिक पिछले महीने जिन राज्यों में चुनाव हुए उनमें राजस्थान में बेरोजगारी की दर सबसे अधिक है. नवंबर 2018 में यह दर 9.3 फ़ीसदी रही. छत्तीसगढ़ में 6.2 फ़ीसदी, मध्य प्रदेश में 4.22 फ़ीसदी और तेलंगाना में 1.6 फ़ीसदी है. जबकि देश में बेरोजगारी की औसत दर 5.9 फ़ीसदी है.

यह भी पढ़ें : मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए कठिन होगा आगे का रास्ता

एडीआर के संयोजक रिटायर्ड मेजर जनरल अनिल वर्मा मानते हैं कि विधानसभा चुनाव में कई मुद्दों के आधार पर लोगों ने मतदान किया, सत्तारूढ़ बीजेपी को एंटी-इंकंबैंसी और कृषि-संकट की वजह से नुकसान उठाना पड़ा है लेकिन आम आदमी के लिए रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा रहा है.

सर्वे के मुताबिक राजस्थान और तेलंगाना के शहरी इलाकों को छोड़कर सभी राज्यों में मतदाताओं ने रोजगार के मोर्चे पर तत्काल सरकार के कामकाज को औसत या औसत से नीचे माना है.

तेलंगाना में बेरोजगारी की दर सबसे कम रही है. यहां पर तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) की सत्ता में दोबारा वापसी हुई है. शहरी क्षेत्रों में टीआरएस को 10 सीटों का फायदा मिला है. साल 2013 के विधानसभा चुनाव में टीआरएस को शहरी क्षेत्रों से नौ सीटें मिली थीं. जबकि मिजोरम में बेरोजगारी की वजह से कांग्रेस को सत्ता खोनी पड़ी.

संबंधित खबरें : क्या बीजेपी पर भारी पड़ा किसानों का गुस्सा ?

 


Big News