अब पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय बनेगा भारत माता मंत्रालय?
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अभी भारतीय विज्ञान कांग्रेस में कही गईं बेतुकी बातों की चर्चा थमी भी नहीं थी कि फिर केन्द्रीय विज्ञान और तकनीक मंत्री डॉ हर्षवर्धनन ने एक ऐसी बात कह दी है जो विवेकशील और वैज्ञानिक सोच वाले लोगों में बेचैनी पैदा कर सकती है.
उन्होंने कहा है कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को भारत माता मंत्रालय कहने में कोई हर्ज नहीं है. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अगर मंत्रालय के सचिव एम राजीवन भारत माता मंत्रालय के लिए राजी हो जाएं तो “भारत माता मंत्रालय कहने में कोई बुराई नहीं है.” वह भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के 144वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. पेशे से डॉक्टर रह चुके हर्षवर्धन पृथ्वी विज्ञान के भी मंत्री हैं.
कार्यक्रम में उपस्थित एक प्रस्तोता के भारत माता मंत्रालय नाम लेने पर अपनी सहमति देते हुए उन्होंने कहा, “इसमें कोई सोचने की बात नहीं है. झूठा अभिमान करने की भी बात नहीं है.”
उन्होंने अपने कथन को यह कहते हुए समर्थन किया कि मंत्रालय और यहां के वैज्ञानिक धरती के संरक्षण के लिए काम करते हैं जो कि ‘हम सब के लिए’ ‘भारत माता’ ही है.
यह बात उन्होंने कई बड़े वैज्ञानिकों के बीच कही. इस कार्यक्रम में इसरो के चेयरमैन एएस किरण कुमार और आईएमडी प्रमुख केजे रमेश भी शामिल थे.
हैरतअंगेज ये भी है कि उन्होंने यह बात ‘डीडी साइंस’ और ’इंडिया साइंस’ कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए कही. ये दोनों कार्यक्रम लोगों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किए जाएंगे.
इंडिया साइंस कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन पर सोमवार से शनिवार तक पांच से छह बजे तक होगा. इसके साथ ही इंडिया साइंस की वेबसाइट पर भी इस कार्यक्रम का 24 घंटे इंटरएक्टिव ऑन डिमांड वीडियो उपलब्ध रहेगा.
आईएमडी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन आता है. दोनों कार्यक्रमों का प्रसारण आईएमडी मुख्यालय से होगा.
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन अपने बयानों से इससे पहले भी विवाद पैदा करते रहे हैं. पिछले साल विज्ञान कांग्रेस के दौरान उन्होंने मशहूर भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग का निराधार हवाला देकर यह दावा कर दिया था कि वेदों में आईंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत से भी अधिक उन्नत सिद्धांत मौजूद हैं.