राहुल गांधी की डिग्री पर 10 साल पहले कैंब्रिज विश्वविद्यालय दे चुका है जवाब


it is a defeat of democracy and people of karnataka says rahul gandhi

 

कांग्रेस ने केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के सवाल पर पलटवार करते हुए कहा है कि कैंब्रिज विश्वविद्यालय स्नातक के बाद सीधे एम.फिल. करने की सुविधा देता है. इससे पहले अरुण जेटली ने राहुल गांधी की एम.फिल डिग्री पर सवाल उठाया था.

कांग्रेस ने पीएम नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए जवाब दिया, “एफवाईआई(फॉर योर इंर्फोमेशन) जेटली जी/ब्लॉग मंत्री, कैंब्रिज अंडर ग्रेजुएट से सीधे एम. फिल. करने की सुविधा देता है. लेकिन ‘इनटायर पॉलिटिकल साइंस’ में कोई डिग्री नहीं देता है. रफाल पर आप बताएंगे कि अनिल अंबानी को 143 मिलियन (14 करोड़) यूरो की टैक्स छूट किसके कहने पर दिया गया है.”

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी की कथित फर्जी डिग्री के मामले में बचाव करते हुए केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने पूछा था कि राहुल गांधी बिना मास्टर्स डिग्री के एम. फिल. की डिग्री कैसे हासिल की है.

जेटली ने फेसबुक पर लिखा, “बीजेपी उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाने वाले पूरी तरह भूल गए हैं कि राहुल गांधी की अकादमिक साख की एक सार्वजनिक जांच से ढेर सारे सवाल उठ सकते हैं. आखिर उन्होंने किसी मास्टर्स डिग्री के बगैर एम. फिल. की डिग्री हासिल की है.”

राहुल गांधी की डिग्री के मामले में इससे पहले भी सवाल उठाए गए थे. जिसके बाद कैंब्रिज विश्वविद्यालय की ओर से इसके बारे में स्पष्टीकरण जारी किया गया था.

29 अप्रैल 2009 को टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज ने स्पष्ट किया था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ट्रिनिटी कॉलेज के छात्र रहे हैं और उन्हें डेवलपमेंट स्टडीज में एम. फिल. की डिग्री 1995 में दी गई थी.

कॉलेज के प्रोफेसर रिचर्ड ने लिखा था, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आपकी डिग्री को लेकर विवाद शुरू हो गया है. हमलोग चाहते हैं कि यह विवाद जल्द-से-जल्द खत्म हो जाए.”

दस  साल पहले यह विवाद एक अखबार में छपी रिपोर्ट के बाद शुरू हुआ था.

प्रोफेसर रिचर्ड ने कहा था कि राहुल गांधी का प्रदर्शन अच्छा रहा था. उनके पिता राजीव गांधी भी ट्रिनिटी कॉलेज के छात्र रह चुके हैं.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हलफनामे में लिखा था कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय से इनटायर पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएट हैं. जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय ने आरटीआई में प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री संबंधी जानकारी देने से मना कर दिया था.

स्मृति ईरानी ने ताजा चुनावी हलफनामे में कहा है कि वह स्नातक नहीं है. इससे पहले के हलफनामे में उन्होंने स्नातक होने का दावा किया था.


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