अमेरिका-चीन ट्रेड वार से अलीबाबा को लगा धक्का


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चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा समूह ने चौथी तिमाही में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. इससे उम्मीद की जा रही है कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अभी ग्राहकों की मांग बरकरार है. हालांकि कंपनी को चीन की सुस्त होती अर्थव्यवस्था और चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक लड़ाई से झटका लगा है.

अंग्रेजी वेबसाइट अल जजीरा में छपी खबर के मुताबिक 15 मार्च को अलीबाबा के शेयर 1.58 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुए. 12 मई को अमेरिका के आयात शुल्क बढ़ाने के बाद से अलीबाबा के शेयरों के भाव में लगातार कमी देखने को मिली है. अमेरिका ने 200 बिलियन डॉलर(20000 करोड़ डॉलर) पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया है.

अलीबाबा के एक्जक्यूटिव वाइस चेयरमैन ने कहा कि वह उलझ चुके भू-राजनैतिक और आर्थिक स्थिति के बीच लचीला रुख बनाए रखा है. उन्होंने कहा कि लंबे समय तक चलने वाले माइक्रोइकॉनॉमिक ट्रेंड से उन्हें फायदा पहुंचेगा.

उन्होंने कहा कि चीन में घरेलू खपत बढ़ रहा है और यह सेवा क्षेत्र की ओर बढ़ रहा है. इसके साथ ही कई साल से चीन आयात से ज्यादा निर्यात करता रहा है. लेकिन बड़ी बात यह है कि चीन में 30 करोड़ की संख्या वाला दुनिया का सबसे बड़ा मध्यम वर्ग है. 10 सालों में यह संख्या दोगुनी हो जाएगी. कंपनी ने उम्मीद जताई है कि कम विकसित शहर विकास की गति को आगे बढ़ाएंगे.

उन्होंने कहा कि वह परिस्थितियों के हिसाब से तटस्थ होकर आगे बढ़ रहे हैं.

31 मार्च तक अलीबाबा का राजस्व 51 फीसदी बढ़कर 93.3 बिलियन यूआन(1390 करोड़ डॉलर) हो गया है.

कंपनी के सीईओ डैनियल जांग ने कहा कि चीन के छोटे शहरों में अलीबाबा की आय लगातार बढ़ रही है.

पिछले एक साल में चीन के रिटेल मार्केट में अलीबाबा के ग्राहकों की संख्या 1020 लाख से बढ़कर 6540 लाख हो गई है. साई ने कहा कि कम विकसित शहरों से मांग बढ़ रही है. इसमें टायर तीन, चार पांच के शहर आते हैं. पिछले 10 साल में यहां मांग तिगुनी हो जाएगी. इन शहरों की कुल जनसंख्या करीब 5000 लाख है.

अलीबाबा के क्लाउड कंप्युटिंग कारोबार में चौथी तिमाही में 76 फीसदी की वृद्धि हुई है. कंपनी अमेज़न और माइक्रोसॉफ्ट को कड़ी टक्कर दे रही है. हालांकि अमेज़न की तुलना में अलीबाबा लगातार पूंजी गंवा रही है.

यूरोमॉनिटर इंटरनेशनल डाटा के मुताबिक अलीबाबा ई-कॉमर्स मार्केट में नंबर एक बना हुआ है. हालांकि साल 2018 में इंटरनेट रिटेलिंग क्षेत्र में अलीबाबा की हिस्सेदारी 41 फीसदी की कमी आई है. जबकि इसी साल जेडी डॉट कॉम की हिस्सेदारी में 34 फीसदी की वृद्धि हुई है.


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