अमेरिका ने एक बार फिर कश्मीर में प्रतिबंधों पर ढील देने की मांग की


US urges easing of restrictions in kashmir

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अमेरिकी सरकार ने एक बार फिर कश्मीर के हालात पर चिंता जाहिर की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने भारत से कश्मीर में मानव अधिकारों का सम्मान करने और प्रतिबंधों में ढील देने की मांग की है.

ओर्टागस ने कहा, “हम कश्मीर में स्थितियों को लेकर लगातार चिंतित हैं. बड़ी संख्या में राजनेताओं और व्यापारी नेताओं को हितासत में रखे जाने और स्थानीय नागरिकों पर लगातार जारी प्रतिबंध को लेकर हम चिंतित हैं.”

उन्होंने द हिंदू को बताया कि “अब भी विभिन्न क्षेत्रों में संचार सेवाओं पर जारी प्रतिबंध की रिपोर्ट्स से हम भी चिंतित हैं. हम अधिकारियों से मानव अधिकारों का सम्मान और जल्द-से-जल्द संचार सेवाओं पर प्रतिबंध हटाने की मांग करते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि भारत सरकार एक बार फिर स्थानीय नेताओं से बातचीत शुरू करेगी और साथ ही अपने वादे के अनुरूप जल्द वहां चुनाव कराएगी.”

अमेरिका 5 अगस्त को कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने के बाद से ही राज्य में हालात पर करीबी नजर बनाए हुए है. अमेरिका इससे पहले भी कई बार कश्मीर में हालात पर वॉशिंगटन डीसी और दिल्ली से बयान जारी करते हुए चिंता जाहिर कर चुका है.

अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला कुछ समय पहले द वॉशिंगटन टाइम्स को बताया कि “हमारे कुछ आलोचक अमेरिकी मीडिया समूहों और अन्य स्रोतों से कश्मीर पर गलत जानकारी प्रसारित कर रहे हैं. यह जानकारियां द्वेषपूर्ण हैं.”

इस हफ्ते की शुरुआत में भारतीय दूतावास ने श्रृंगला का एक वीडियो प्रसारित किया. इस वीडियो में श्रृंगला यह कहते हुए सुने जा सकते हैं कि “मीडिया प्रमुख तौर पर अमेरिकी मीडिया कश्मीर पर आधा सच या झूठ और तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी पाठकों के सामने रख रहे हैं.”

अमेरिका से सबसे अधिक प्रसारित होने वाले मीडिया संगठनों जैसे- द वॉल स्ट्रीट जरनल, यूएसए टूडे, द वॉशिंगटन पोस्ट और द न्यू यॉर्क टाइम्स कश्मीर में प्रतिबंधों से पैदा हुईं परिस्थितियों पर लगातार रिपोर्ट्स प्रकाशित कर रहे हैं. जिन्हें भारत सरकार लगातार नकार रही है.


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