तो क्या वीके सिंह ने योगी आदित्यनाथ को देशद्रोही कहा!


v k singh termed yogi adityanath as traitor

 

तारीख एक अप्रैल 2019. दिन सोमवार. उत्तर प्रदेश के सीएम और बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ गाजियाबाद में वीके सिंह के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

योगी आदित्यनाथ ने यहां एक ऐसी बात कही, जिसके ऊपर तमाम विपक्षी दलों ने अपनी आपत्ति जताई. सीपीएम के नेता नीलोत्पल बसु ने तो योगी की इस बात पर गंभीर आपत्ति जताते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र तक लिख दिया. बसु ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ ने पूरी बेशर्मी से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है.

खैर, योगी आदित्यनाथ की बात भी बहुत आपत्तिजनक थी. दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की रैली में भारतीय सेना को प्रधानमंत्री मोदी की सेना बता दिया. रैली में योगी ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, “कांग्रेस के लोग आतंकियों को बिरयानी खिलाते हैं और ‘मोदी जी की सेना’ आतंकवादियों को गोला और गोली देती है.”

योगी आदित्यनाथ का इतना कहना था कि विभिन्न विपक्षी नेताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया. सिर्फ विपक्षी नेताओं ने ही नहीं बल्कि पूर्व सैन्य अधिकारियों ने भी योगी आदित्यनाथ पर सेना का राजनीतिककरण करने का आरोप लगाया.

भारतीय सेना के पूर्व अध्यक्ष वीके सिंह सीधे तौर पर तो योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधने से बचते रहे. लेकिन इशारों-इशारों में वीके सिंह ने योगी आदित्यनाथ को उनके इस बयान के लिए देशद्रोही तक बोल दिया.

वीके सिंह ने बीबीसी को दिए गए एक खास इंटरव्यू में कहा, “बीजेपी के प्रचार में सब लोग अपने आप को सेना भी बोलते हैं. लेकिन हम किस सेना की बात कर रहे हैं? क्या हम देश की सेना की बात कर रहे हैं या राजनीतिक कार्यकर्ताओं की? मुझे नहीं पता कि क्या संदर्भ है. अगर कोई कहता है कि भारत की सेना मोदी जी की सेना है तो वो गलत ही नहीं है, देशद्रोही भी है. भारत की सेना भारत की हैं, पॉलिटिकल पार्टी की नहीं हैं.”

वीके सिंह ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “भारत की सेना अपने अंदर तटस्थ हैं. इस चीज में सक्षम हैं कि वो राजनीति से अलग रहें. पता नहीं कौन ऐसी बात कर रहा है. एक ही दो लोग हैं, जिनके मन में ऐसी बातें आती हैं क्योंकि उनके पास तो कुछ और है ही नहीं.”

वीके सिंह ने आगे कहा, “भारत की सेना की बात करते हैं तो भारत की सेना की बात करो. अगर आप राजनीतिक कार्यकर्ताओं की बात करते हैं, जिनको हम कई बार मोदी जी की सेना या बीजेपी की सेना बोल सकते हैं. लेकिन उसमें और भारत की सेना में फर्क है.”

वहीं पूर्व सैन्य अधिकारियों के सेना के राजनीतिककरण के आरोप का जवाब देते हुए वीके सिंह ने बस इतना कह दिया कि सेना का राजनीतिककरण नहीं हो रहा है.

खैर, वीके सिंह ने अपने बयान में भारत की सेना और बीजेपी के कार्यकर्ताओं मतलब मोदी की सेना के बीच एक स्पष्ट लाइन खींची.

इस लाइन के सहारे उन्होंने एक तरफ तो यह दिखाया कि कोई भी भारत की सेना को किसी खास राजनीतिक दल और नेता की सेना नहीं बता सकता. वहीं दूसरी तरफ संदर्भ पता ना होने की बात कहकर उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं को मोदी की सेना बताकर योगी आदित्यनाथ को पूर्व सैन्य अधिकारियों और विपक्षी नेताओं की तीखी आलोचना से बचाने का प्रयास भी किया.

लेकिन अगर हम योगी आदित्यनाथ के बयान को देखें तो यह पूरी तरह से भारतीय सेना के संदर्भ में ही दिया गया लगता है.

योगी आदित्यनाथ का संदर्भ हाल में ही हुई बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर था.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार अगर आतंकियों को बिरयानी खिलाती है तो मोदी की सेना आतंकी कैंपों पर हमला करती है. वीके सिंह उनके इस बयान को लाख चाहकर भी डिफेंड नहीं कर पाए और उन्हें अप्रत्यक्ष तरीके से योगी आदित्यनाथ को देशद्रोही कहना ही पड़ा.


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