विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मिली मंजूरी


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ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर अदालत ने उद्योगपति विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. ब्रिटेन के गृह मंत्रालय को अब प्रत्यर्पण की अधिसूचना भेजी जाएगी. अदालत ने कहा कि अरबपति कारोबारी ने अपने वित्तीय लेनदेन का काफी ‘गलत ब्योरा दिया’ और बैंकों के कर्ज का दूसरे कामों में इस्तेमाल किया.

अदालत ने भारत में जेलों की स्थिति और जांच एजेंसियों और अदालतों के काम काज के तौर तीरकों के बारे में माल्या की ओर से लगाए गए आरोपों को खारिज किया. अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए विजय माल्या के पास 14 दिनों का वक्त है.

किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमुख रहे 62 वर्षीय माल्या पर करीब 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है. पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से माल्या जमानत पर थे.

माल्या अपने खिलाफ मामले को राजनीति से प्रेरित बताते रहे हैं. हालांकि, माल्या ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैंने एक भी पैसे का कर्ज नहीं लिया. कर्ज किंगफिशर एयरलाइंस ने लिया था. दुखद कारोबारी विफलता की वजह से यह पैसा डूबा है. गारंटी देने का मतलब यह नहीं है कि मुझे धोखेबाज बताया जाए.’’

माल्या ने कहा कि मैंने मूल राशि का 100 प्रतिशत लौटने की पेशकश की है. इसे स्वीकार किया जाए. उन्होंने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के बाहर कहा कि मूल राशि लौटाने की मेरी पेशकश फर्जी नहीं है.

माल्या के खिलाफ प्रत्यर्पण का मामला मजिस्ट्रेट की अदालत में पिछले साल चार दिसंबर को शुरू हुआ था.


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