ईवीएम पर जनता का भरोसा नहीं, चुनाव आयोग जाएंगे: राहुल गांधी
ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों की बैठक में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
उन्होंने इस बैठक में कहा, “ईवीएम को लेकर जनता में भरोसा नहीं है. हम कुछ ऐसा बैकअप सिस्टम बनाना चाहते है ताकि लोगो का भरोसा चुनाव में बन सके.”
बैठक में राहुल गांधी ने ईवीएम से कथित छेड़छाड़ को लेकर कर कहा, “हम इस मामले को लेकर गंभीर है. इसके लिए ईवीएम पर चार जनवरी तक एक रिपोर्ट ला रहे है. जिसके बाद अपने सुझावों के साथ चुनाव आयोग तक जाएंगे.
विपक्षी पार्टियों ने कंस्टीट्यूशन क्लब में यह बैठक ईवीएम में कथित छेड़छाड़ पर चर्चा करने और इस पर रणनीति तैयार करने के मकसद से की थी.
कांग्रेस ने इससे पहले भी कई बार यह मांग ऊठाई है कि अगले लोकसभा चुनाव में ईवीएम के उपयोग के साथ—साथ वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की भी व्यवस्था हो.
सूत्रों के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने विपक्ष के नेताओं को चार जनवरी को मिलने का समय दे दिया है.
इस दौरान राहुल गांधी ने बजट पर बोलते हुए कहा कि सरकार 15 लोगों का साढ़े तीन लाख करोड़ रूपया माफ कर सकती है. और किसानों को हर दिन के हिसाब से 17 रूपया दिया जा रहा है. यह उनका अपमान तो और क्या है.
राहुल गांधी ने ईवीएम से जुड़ी इस बैठक में कहा, लोकसभा चुनाव किसान, रोजगार, भ्रष्टाचार और संवैधानिक संस्था पर हमला के मुद्दे पर लड़ा जाएगा.
इस बैठक का आयोजन टीडीपी की तरफ एन चंद्रबाबू नायडू ने किया था. इसमें विपक्षी दलों की तरफ से एनसीपी के शरद पवार, समाजवादी पार्टी को रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अबदुल्ला, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक की कनिमोझी, सीपीआई के डी राजा, सीपीएम के मोहम्मद सलीम और टीके रंगराजन, आरजेडी के मनोज झा, आप के संजय सिंह के साथ और भी कई विपक्षी पार्टी के प्रतिनिधी शामिल हुए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और एके एंटनी भी इस बैठक में मौजूद थे.