गाड़ियों की बिक्री में कमी की असल वजह क्या है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वाहन उद्योग में आई सुस्ती का ठीकरा युवाओं पर फोड़ने के बाद सोशल मीडिया पर #BoycottMillennials और #SayItLikeNirmalaTai के साथ युवाओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की.
सीतारमण ने 10 सितंबर को कहा था कि ऑटोमोबाइल उद्योग बीएस6 और मिलेनियम माइंडसेट(युवाओं की सोच) की वजह से प्रभावित हुआ है जो कि नई गाड़ी खरीदने की बजाय ओला और उबर से यात्रा करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.
आंकड़ों के मुताबिक ओला और उबर को युवा पसंद कर रहे हैं लेकिन विश्लेषक वाहन उद्योग में आई सुस्ती के लिए इसे जिम्मेदार नहीं मानते हैं.
वाहन उद्योग अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है. लेकिन पिछले 10 महीनों से वाहनों की बिक्री लगातार घट रही है.
देश के सबसे धनी बैंकरों में एक उदय कोटक ने हाल में कहा कि उनका बेटा गाड़ी रखने की बजाय राइड शेयरिंग एप (ओला और उबर) के इस्तेमाल में अधिक सहज महसूस करता है. भारत में ओला और उबर हर दिन 36.5 लाख लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचाते हैं.
एवेटिअम के एडवाइजर मैनेजिंग पार्टनर वीजी रामकृष्णन ने एएफपी से कहा कि कार की बिक्री में गिरावट आर्थिक वजह से आई है. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पिछले दो साल में ग्राहकों के आत्मविश्वास और आय वृद्धि में कमी आई है.’
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भारत की आर्थिक विकास दर लगातार पांच तिमाही से कम हो रही है. अप्रैल-जून की तिमाही में यह पांच साल के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई.
विश्लेषकों का मानना है कि प्रदूषण और सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए कार निर्माण का खर्च बढ़ गया है. इसके साथ ही साल 2017 में वाहनों पर लगाए गए 28 फीसदी जीएसटी की वजह से मांग में कमी आई है.
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग से जुड़े ऑटो विश्लेषक महेश बेंड्रे ने एएफपी से कहा कि कई तरह के टैक्स लगाने की वजह से कार रखना महंगा हो गया है.
उन्होंने कहा, ‘अगर आप भारत में कार खरीदते हैं तो कम-से-कम 40 से 45 फीसदी खर्च विभिन्न तरह के टैक्स और रजिस्ट्रेशन में जाता है.’
एक साल पहले भारत ने जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कार का बाजार बन गया था. उस समय भारत में कार की बिक्री में सात फीसदी से अधिक वृद्धि हो रही थी.
लेकिन पिछले महीने कार की बिक्री में 41 फीसदी की गिरावट आई. यह पिछले 20 साल में सबसे अधिक है.
कार के साथ-साथ वाणिज्यिक वाहन, मोटरसाइकिल और स्कूटर की बिक्री में भी गिरावट देखने को मिली है.
वाहन उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है. इस उद्योग का जीडीपी में सात फीसदी का योगदान है. जबकि मैन्यूफैक्चरिंग की आधी जीडीपी वाहन उद्योग से आता है.
बेंड्रे ने कहा कि निर्माता कंपनियों ने प्रोडक्शन रोक दिया है और छंटनी शुरू कर दी है. इसका असर ऑटो पार्टस उद्योग और डीलरशिप पर भी पड़ा है. यहां सात फीसदी लोगों को काम मिलता है.
उन्होंने कहा कि पूरा वाहन उद्योग काफी बड़ा है इससे 20 फीसदी कामगार जुड़े हुए हैं.
सीतारमण ने सरकारी विभागों पर नई गाड़ियां खरीदने पर लगी रोक हटा दी है. लेकिन वाहन निर्माता फेस्टिवल सीजन में जीएसटी को 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी चाहते हैं.
हालांकि वाहन की बिक्री से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ सकता है. दुनिया के 30 सबसे प्रदूषित शहरों में 22 भारत में हैं.