…तो बंद हो जाएंगे राजनीतिक पार्टियों के व्हाट्सएप ग्रुप


two parliamentary committees will look into whatsapp matter

 

सोशल मीडिया कंपनी व्हाट्सएप ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियां इस मैसेजिंग ऐप का सही इस्तेमाल नहीं कर रही हैं.

कंपनी ने कहा है कि अगर पार्टियां इस ऐप का गलत इस्तेमाल करना जारी रखती हैं तो उनके एकाउंट बंद भी किए जा सकते हैं.

भारत में 23 करोड़ यूजर्स प्रति महीने व्हाट्सएप इस्तेमाल करते हैं. भारत व्हाट्सएप का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता बाजार है.

बुधवार को नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए व्हाट्सएप के संचार प्रमुख, कार्ल वुग ने कहा, ” हमने कई राजनीतिक दलों को व्हाट्सएप का गलत इस्तेमाल करते पाया है. अगर यह यूं ही चलता रहा तो हमें उनका एकाउंट बंद करना होगा.”

उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से हम राजनीतिक दलों के साथ बातचीत कर रहे हैं और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने के बारे में समझा रहे हैं. हमने उन्हें बताया है कि ये प्रसारण का मंच नहीं है. यह बड़े पैमाने पर संदेश भेजने की जगह नहीं है. हम ये भी समझाने में लगे हैं कि हम दुर्व्यवहार में लिप्त पाए गए खातों को बंद कर सकते हैं. हम अपने मंच की निजी प्रकृति को बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.

व्हाट्सएप ने बुधवार को “स्टॉपिंग एब्यूज: हाउ व्हाट्सएप फाइट्स बल्क मैसेजिंग एंड ऑटोमैटिक बिहेवियर” शीर्षक से एक श्वेत पत्र जारी किया. उसने कहा है कि इसकी सर्वोच्च प्राथमिकता सेवा बल्क मैसेजिंग से लड़ना है.

इसके चलते कंपनी ने पूरी दुनिया से पिछले तीन में से एक महीने में 20 लाख से अधिक खातों को हटा दिया है.

पूरी दुनिया में व्हाट्सएप के 150 करोड़ यूजर्स हैं.

कंपनी ने कहा कि उसने भारत के चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग को चुनाव की तैयारियों के बारे में जानकारी दी थी.

फेक न्यूज को फैलाने के चलते भारत में और अन्य जगहों पर फेसबुक के स्वामित्व वाला प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप विवादों में आ गया है. मिसाल के तौर पर, पिछले साल लिंचिंग के कई उदाहरणों में व्हाट्सएप पर अपहरणकर्ताओं या गाय तस्करों के बारे में फैलाई गए फर्जी संदेशों को जिम्मेदार ठहराया गया है.

इस मामले के बाद भारत सरकार ने संज्ञान लिया और व्हाट्सएप की प्रतिक्रिया जानी. इसके बाद किसी यूजर को भेजे गए मैसेज को लेबल करने और उसे फॉरवर्ड करने की संख्या को पांच तक सीमित करने जैसे उपाय किए गए.

एक ईमेल के जवाब में कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने कई राजनीतिक दलों के साथ जुड़कर यह सुनिश्चित किया है कि वे हमारी सेवा की शर्तों से अवगत हों. व्हाट्सएप पर बल्क संदेश भेजने की अनुमति नहीं है. हम बिना किसी चेतावनी के गलत खातों पर प्रतिबंध लगा देंगे, जो ज्यादातर मामलों में खुद-ब-खुद होता है.”

प्रवक्ता ने बताया कि, “हमने दुर्व्यवहार का पता लगाने के लिए परिष्कृत मशीन लर्निंग सिस्टम का निर्माण किया है. यह एकाउंट बनने के साथ ही मैसेजिंग के दौरान और उपयोगकर्ताओं के रिपोर्टों के आधार पर संदिग्ध खातों पर प्रतिबंध लगाता है.

श्वेत पत्र में कहा गया है कि ये प्रयास चुनावों के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं. जहां कुछ समूह बड़े पैमाने पर संदेश भेजने का प्रयास कर सकते हैं.

कंपनी ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मई 2018 में कर्नाटक चुनाव के बाद से तैयारी कर रही है. “हम पिछले साल कर्नाटक चुनाव के बाद से आम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं. जब हमने कई दलों को व्हाट्सएप का दुरुपयोग करने का प्रयास करते देखा था.”

वोग ने बताया, “उस समय हमने देखा कि किस तरह से पार्टियों ने व्हाट्सएप पर लोगों तक पहुंचने की कोशिश की. कुछ मामलों में व्हाट्सएप को इस तरह से इस्तेमाल करने का प्रयास किया गया जो हमारा वास्तविक मकसद नहीं है.

एक निजी संचार मंच के रूप में हम मानते हैं कि हमारी सेवा की निजी प्रकृति को बनाए रखना जरुरी है. साथ ही शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक बल्क मैसेजिंग और आटोमेटिक बिहैवियर से लड़ना है. सभी संदेश पर नजर रखना भी जरुरी है, क्योंकि यह झूठी खबर का जरिया सकता है. इससे हमारे यूजर्स को भी समस्या होती है.


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