विश्व चैंपियन इंग्लैंड के सामने अब एशेज की चुनौती


Will world champion England be able to capture the Ashes?

 

1 अगस्त से एक ऐसी क्रिकेट सीरीज का बिगुल बजने वाला है जिसका इंतजार हर क्रिकेट प्रेमी को बड़ी बेसब्री से रहता है, और उस सीरीज का नाम है ‘एशेज’, जो खेली जानी है क्रिकेट के दो बड़े दिग्गज इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच.

1882 में शुरू हुई इस प्रतिष्ठित सीरीज की शुरुआत का किस्सा बेहद रोचक और दिलचस्प है, वाकया 1882 का है जब ऑस्ट्रेलियाई टीम एकमात्र टेस्ट खेलने के लिए इंग्लैंड के दौरे पर थी.

लंदन के ओवल मैदान पर खेले गए इस टैस्ट में ऑस्ट्रेलिया ने जीत हासिल की, जो इंग्लैंड की सरजमीं पर उसकी पहली जीत थी. अपनी ही सरजमीं पर इंग्लैंड की इस हार के बाद पूरे देश में क्रिकेट प्रेमियों के बीच मायूसी छा गई थी. इग्लैंड के ही एक अखबार ‘द स्पोर्टिंग टाइम्स’ ने तो अपने एक अंक में यह तक कह डाला कि इंग्लिश क्रिकेट की मौत हो चुकी है और उसकी राख यानी ‘एशेज’ ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया जा चुकी है.

इस रिपोर्ट से आहत होकर उस समय के इंग्लिश कप्तान इवो बिल्घ ने उस राख को ऑस्ट्रेलिया से जीतकर वापस इंग्लैंड लाने की ठानी और इसी के बाद उस राख यानी ‘एशेज’ के लिए शुरू हुई एक प्रतिष्ठित टैस्ट सीरीज जो फिर हर साल होने लगी. जो भी टीम इस सीरीज को जीतती है उसी के पास वो राख का कलश यानी ‘एशेज़ अर्न’ रहती है, सीरीज ड्रॉ छूटने पर ‘एशेज’ पिछली सीरीज़ जीतने वाली टीम के पास रहती है.

अभी तक खेली गई 70 एशेज सीरीज में से 33 बार एशेज ऑस्ट्रेलिया ने जीती वहीं 32 बार ये सीरीज इंग्लैंड के नाम रही जबकि पांच बार एशेज बिना किसी नतीजे के ड्रॉ छूटी. फिलहाल एशेज की पिछली विजेता टीम ऑस्ट्रेलिया है.

अब बात करते हैं एक अगस्त से शुरू होने वाली 2019 की एशेज सीरीज के बारे में. इस बार एशेज दोनों ही टीमों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. जहां एक ओर इंग्लैंड विश्व चैम्पियन बनकर सातवें आसमान पर है तो वहीं तमाम विवादों से उबरने के बाद ऑस्ट्रेलायाई टीम भी लगातार दूसरी बार एशेज पर कब्जा करना चाहेगी.

इंग्लिश टीम में सकारात्मकता की एक लहर है, तो दूसरी ओर किसी जमाने में क्रिकेट पर एकछत्र राज करने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम पिछले काफी लम्बे समय से संघर्ष करती नजर आ रही है.

बेशक ऑस्ट्रेलिया एशेज़ की गत विजेता है लेकिन बीते कुछ साल ऑस्ट्रेलिया के लिए काफी मुश्किल गुजरे हैं, स्मिथ-वॉर्नर विवाद हो या फिर मैदान पर टीम का निराशाजनक प्रदर्शन, ये कुछ ऐसी वजहें हैं जिनसे गत विजेता होने के बावजूद ऑस्ट्रेलियाई टीम का आत्मविश्वास डगमगाने की स्थिति में ही है. पांच बार की विश्व चैम्पियन टीम की सारी उम्मीदें अब स्टार्क, सिडल, स्मिथ और वार्नर जैसे सीनियर खिलाड़ियों पर टिकी हैं.

अब बात करें इंग्लिश टीम की तो विश्व कप जीतने के बाद मॉर्गन की टीम उत्साह और आत्मविश्वास से लबरेज है जिसकी वजह से कहीं न कहीं नए-नवेले ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन का सरदर्द बढ़ सकता है. इंग्लिश टीम के कप्तान मॉर्गन, ऑलराउंडर बेन स्टोक्स और तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर बेहतरीन फॉर्म में हैं तो वहीं दो अनुभवी तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन की मौजूदगी भी टीम के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी.

वर्तमान इंग्लैंड टीम में क्रमश 393 और 518 टैस्ट विकेट लेने वाली स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन की जोड़ी 80 के दशक की इयान बॉथम और बॉब विल्स की जोड़ी की याद दिलाती है, जिसमें इयान बॉथम ने 383 और बॉब विल्स ने 325 टैस्ट विकेट अपने नाम किए.

अब चूंकि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल है तो इसमें इतिहास बनते और बदलते देर नहीं लगती, अब देखना ये है कि 1 अगस्त से शुरू होने वाली क्रिकेट प्रेमियों की इस पसंदीदा सीरीज पर किसका कब्जा होता है, क्या गत विजेता ऑस्ट्रेलिया अपनी एशेज जीत बरकरार रखेगी या फिर इस बार की एशेज विश्व चैम्पियन इंग्लैंड के नाम होगी, नतीजा 16 सितंबर को हम सब के सामने होगा.

2019 एशेज के लिए दोनों टीमें इस प्रकार हैं-

इंग्लैंड

जो रूट (कप्तान), बेन स्टोक्स (उप-कप्तान), मोईन अली, जेम्स एंडरसन, जोफ्रा आर्चर, जॉनी बैयरस्टो (विकेट-कीपर), स्टुअर्ट ब्रॉड, रॉरी बर्न्स, जॉस बटलर, सैम कुरैन, जो डैनली, जैसन रॉय, ऑली स्टोन, क्रिस वोक्स.

ऑस्ट्रेलिया

टिम पेन (कप्तान, विकेट-कीपर), पैट कमिन्स (उप-कप्तान), ट्रैविस हैड (उप-कप्तान), कैमरून बैनक्रॉफ्ट, मार्कस हैरिस, जोश हेज़लवुड, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लैबुस्काग्ने, नाथन लियोन, मिचेल मार्श, माइकल नेसर, जेम्स पैटिन्सन, पीटर सिडल, स्टीव स्मिथ, मिचेल स्टार्क, मैथ्यू वेड (विकेट-कीपर), डेविड वार्नर.


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