विश्व कप: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होगी भारत की रणनीतिक परीक्षा


world cup : australia vs india

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भारत को तीसरी बार विश्व चैंपियन बनने की राह में एक और बड़ी चुनौती नौ जून को ओवल में ऑस्ट्रेलिया से मिलेगी. आईसीसी विश्व कप के इस महत्वपूर्ण मैच में कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री की रणनीतियों की भी कड़ी परीक्षा होगी.

भारत ने अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका पर छह विकेट से आसान जीत दर्ज की जबकि पिछले दो महीने में खेल में लगातार सुधार करने वाले ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ पेशेवर रवैया दिखाया. कैरेबियाई टीम के खिलाफ उसने खराब स्थिति से उबरकर जीत दर्ज की थी.

स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के निलंबन के कारण एक साल तक जूझने के बाद लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ने सही समय पर अपनी कमियों को दूर किया है और वह उसी तरह का प्रदर्शन कर रही है जैसा कि किसी पांच बार की विजेता टीम को करना चाहिए.

यह निश्चित तौर पर भारत के लिए चिंता का विषय होगा. भारत अब भी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में उचित संयोजन की तलाश में है.

यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजी कोच रिकी पोंटिंग का ध्यान भी भारतीय टीम के संयोजन पर है.

पोंटिंग ने कहा कि ‘‘भारतीय एक स्पिनर के साथ उतर सकते हैं और (ऑलराउंडर) केदार जाधव का उपयोग दूसरे ऑलराउंडर के रूप में कर सकते हैं और एक अन्य तेज गेंदबाज को टीम में रख सकते हैं. हम इस पर ध्यान रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी खिलाड़ी अच्छी तरह से तैयार रहें. ’’

पिछली श्रृंखला में भारत की सपाट पिचों पर ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने स्मिथ और वार्नर की गैरमौजूदगी में भी भारतीय स्पिनरों कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल का अच्छी तरह से सामना किया था.

कप्तान आरोन फिंच और उस्मान ख्वाजा ने भी जाधव की ऑफ स्पिन को भी अच्छी तरह से खेला है. ऐसी स्थिति भारतीय कोच और कप्तान को विकल्प तलाशने के लिए मजबूर करेगी.

विरोधी खेमे में दो करिश्माई बल्लेबाजों स्मिथ और वार्नर की मौजूदगी को देखते हुए भारत ओवल की पिच और मौसम को देखकर अपनी अंतिम एकादश में बदलाव कर सकता है. इन दोनों ने पहले दो मैचों में एक एक अर्धशतक जमाकर विरोधी गेंदबाजों को आगाह भी कर दिया है.

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अंतिम एकादश से बाहर रहे मोहम्मद शमी को टीम में लिया जा सकता है. शमी को रणनीति के तहत बाहर किया गया था क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी कलाईयों के स्पिनरों को अच्छी तरह से नहीं खेल पाते हैं.

लेकिन ऑस्ट्रेलिया की वर्तमान टीम जसप्रीत बुमराह और शमी की तेज गेंदबाजी से अधिक परेशान हो सकती है. भुवनेश्वर कुमार दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे स्पैल में प्रभावशाली दिखे और उन्होंने तब दो विकेट लिए थे.

अगर भारत कलाईयों के दोनों स्पिनरों को रखने का फैसला करता है और शमी को टीम में लाता है तो फिर भुवनेश्वर को बाहर बैठना होगा. यदि दो में से किसी एक स्पिनर को बाहर किया जाता है तो फिर चहल को चार विकेट लेने के बावजूद बाहर होना पड़ सकता है क्योंकि कुलदीप ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अधिक सफल रहे हैं।

चहल ने असल में घरेलू श्रृंखला के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल मोहाली में एक मैच खेला था जिसमें उन्होंने दस ओवरों में 80 रन दिये थे.  कुलदीप को अच्छी उछाल मिलती है और उनकी स्टॉक गेंद बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकती है.

केदार जाधव ओवल की पिच पर असर छोड़ पाएंगे इसकी संभावना भी कम है. यहां पर उछाल अधिक मिलती है और बल्लेबाज उन पर आसानी से शॉट लगा सकते हैं. ऐसी स्थिति में विकेट टु विकेट गेंदबाजी करने वाले विजय शंकर के नाम पर विचार किया जा सकता है.

शिखर धवन की खराब फार्म भी भारत के लिये चिंता का विषय है. आईसीसी टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने वाले धवन इंग्लैंड आने के बाद से अब तक रन बनाने में नाकाम रहे हैं. वह दोनों अभ्यास मैच और पहले मैच में नहीं चल पाए थे.

पिच से मिलने वाला मूवमेंट बायें हाथ के इस बल्लेबाज के लिये परेशानी का सबब बना हुआ है. अगर वे अगले दो मैचों में भी नाकाम रहते हैं तो फिर केएल राहुल को शीर्ष क्रम में लाकर शंकर को चौथे नंबर पर उतारा जा सकता है.

टीमें इस प्रकार हैं :

भारत : विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, केएल राहुल, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर), हार्दिक पंड्या, केदार जाधव, विजय शंकर, कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार, दिनेश कार्तिक , रविंद्र जडेजा .

ऑस्ट्रेलिया : आरोन फिंच (कप्तान), डेविड वार्नर, उस्मान ख्वाजा, स्टीव स्मिथ, मार्कस स्टोइनिस, ग्लेन मैक्सवेल, एलेक्स केरी, एडम ज़म्पा, पैट कमिंस, नाथन कूल्टर-नाइल, मिशेल स्टार्क, नाथन लियोन, शॉन मार्श, जेसन बेहरेनडोर्फ, केन रिचर्डसन.


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