युवकों की अपेक्षा युवतियां रखती हैं ज्यादा वामपंथी झुकाव
युवा परिवर्तन को आसानी से स्वीकार ही नहीं करते हैं बल्कि परिवर्तन में हिस्सेदारी के लिए हमेशा तैयार भी रहते हैं. लेकिन महिलाएं इस मामले में पुरुषों से ज्यादा सक्रिय रहती हैं.
यूरोप और उत्तरी अमेरिका में हुए एक अध्ययन से खुलासा हुआ है कि युवा महिलाओं का उनके पुरुष सहयोगियों की अपेक्षा वामपंथ की ओर ज्यादा झुकाव होता है. इससे यह भी साफ हुआ है कि ज्यादा उम्र की महिलाएं भी अपने हमउम्र पुरुषों की अपेक्षा वामपंथ की ओर ज्यादा आकर्षित होती हैं.
हम ये बात पहले से जानते हैं कि वामपंथी दलों को युवाओं का साथ ज्यादा मिलता है. इन पार्टियों को मिले वोट में ज्यादातर हिस्सा युवा मतदाताओं का होता है. लेकिन एक अध्ययन से पता चला है कि इन मतदाताओं में भी युवतियां अपने हमउम्र युवकों की अपेक्षा अधिक संख्या में होती हैं.
पश्चिमी यूरोप और कनाडा में 40 हजार लोगों को केंद्र में रखकर एक अध्ययन किया गया.
इस अध्ययन में अलग-अलग उम्र और लिंग के लोगों की वोट करने की आदत जानने की कोशिश की गई. अध्ययन से मिले आंकड़ों का उम्र और लिंग के आधार पर तुलना करने से ये बात सामने आई कि कम उम्र की महिलाएं वामपंथी दलों को अधिक वोट करती हैं.
जबकि ज्यादा उम्र की महिलाएं दक्षिणपंथी पार्टियों को अधिक वोट करती हैं. ये अध्ययन वर्ल्ड वैल्यूज सर्वे और यूरोपियन वैल्यूज स्टडी के साझा प्रयास से सामने आया है.
इस शोध से यह बात भी सामने आई है कि नई पीढ़ी के साथ ही वोटो के मामले में यह लैंगिक अंतर बढ़ता जाता है.
उदाहरण के लिए 1975 से 1985 के बीच पैदा हुए युवक और युवतियों का वामपंथ की ओर झुकाव 1965 से 1975 के बीच पैदा हुए लोगों से कहीं अधिक था. इसके साथ ही उम्र के अगले पड़ाव पर पहुंचते ही महिलाएं दक्षिणपंथ की ओर झुकती हैं और इनका स्थान नई पीढ़ी की महिलाएं ले लेती हैं.
लेकिन अगर इसकी तुलना अधिक उम्र के पुरुषों से करें तो यहां पर महिलाएं ही वामपंथी दलों को अधिक वोट करती हैं.
इस अध्ययन में एक बात और सामने आई है कि धार्मिकता इस तरह के चलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. अधिक उम्र की महिलाएं ज्यादा धार्मिक होती हैं. और उनके वोट करने की आदत धार्मिकता से प्रभावित हो रही है.
अधिक उम्र के लोग पारंपरिक मूल्यों पर ज्यादा भरोसा करते हैं. यही गुण उन्हें धार्मिक पार्टियों के नजदीक ले जाता है. दूसरी ओर युवा महिलाएं परिवर्तन को अधिक महत्व देती हैं. वे पुरुषों की अपेक्षा राज्य की भूमिका को भी अधिक महत्वपूर्ण मानती हैं.
इन्हीं प्राथमिकताओं के चलते वे वामपंथी दलों को अधिक वोट करती हैं. वैसे अधिक उम्र की महिलाएं भी इन प्राथमिकताओं से प्रभावित होती हैं और वामपंथी रुझान रखती हैं. लेकिन अपने धार्मिकता के चलते वोट देने के मामले में वे विपरीत व्यवहार करती हैं.