प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति 12 अक्टूबर को वाराणसी में करेंगे मुलाकात


india and china are not threat to each other says chinese ambassador

 

बिश्केक में मुलाकात के बाद चीन और भारत के रिश्तों में मजबूती लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल वाराणसी में एक अनौपचारिक सम्मेलन में मिलने जा रहे हैं.

दोनों देशों के प्रमुख 12 अक्टूबर को वाराणसी में मिलेंगे. बीते साल प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग चीन के वुहान शहर में ऐसे ही एक अनौपचारिक मुलाकात के दौरान के लिए मिले थे. जिसके बात इस साल अक्टूबर में दोनों देशों के प्रमुख दूसरी अनौपचारिक मुलाकात का हिस्सा होने जा रहे हैं.

चीनी अधिकारियों ने बताया कि मुलाकात का उद्देश्य दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों की 70वीं सालगिरह साथ मनाना है.

2017 में डोकलाम सीमा विवाद के बाद दोनों देशों के प्रमुखों की ओर से द्वपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए आपसी सहमति से मुलाकात का यह फैसला एक अहम पहल के रूप में देखा जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा संसदीय क्षेत्र में होने वाले सम्मेलन की ज्यादा जानकारी फिलहाल नहीं मिल सकी है.

द हिंदू लिखता है कि मुलाकात के दौरान दोनों नेता वाराणसी के गंगा घाट पर बोट राइड भी कर सकते हैं. जैसा की बीते साल अप्रैल में वुहान स्थित ईस्ट लेक में भी देखने का मिला था, जब दोनों देशों के प्रमुख लगभग डेढ़ घंटे तक बोट राइड के दौरान चर्चा करते हुए दिखे थे.

चीनी अधिकारियों ने कहा, “बीते महीने बिश्केक में हुए शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन से इतर एक मुलाकात में राष्ट्रपति जिनपिंग ने जोर देते हुए कहा था कि दोनों देशों को राजनयिक रिश्तों की 70वीं सालगिरह एक साथ मनानी चाहिए.” इस दौरान राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को आम चुनावों में जीत के लिए मुबारकबाद भी दी थी.

वहीं अक्टूबर में दोनों देशों के नेताओं के बीच अनौपचारिक मुलाकत से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले महीने बीजिंग की यात्रा पर जा सकते हैं. जानकारी है कि ‘सांस्कृतिक आदान प्रदान और लोगों से लोगों के संपर्क बढ़ाने पर उच्च स्तरीय व्यवस्था’ के तहत दूसरी बैठक के लिए चीन के विदेश मंत्री वांग यी और एस जयशंकर मुलाकात कर सकते हैं.

इस मुलाकात के केंद्र में सांस्कृतिक आदान प्रदान और लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने जैसे विषय केंद्रीय होंगे. साथ ही दोनों नेताओं की बैठक को लेकर भी चर्चा हो सकती है. हालांकि बैठक के केंद्रीय विषयों में व्यापार शामिल नहीं है.

अगले महीने दोनों देशों के बीच चार लाख करोड़ से अधिक के व्यापार घाटे पर चर्चा के लिए रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल बीजिंग पहुंचेंगे. इस दौरान क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी में भारत की भूमिका पर भी चर्चा हो सकती है.

वहीं दूसरी तरफ दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद लगातार देशों के द्वपक्षीय संबंधों को प्रभावित कर रहा है.

दोनों देशों के बीच बढ़ता हुए व्यापार घाटा फिलहाल प्रमुख एजेंडा बना हुआ है. माना जा रहा है कि बिश्केक में चीनी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ने ये मुद्दा उठाया था. यूएस के साथ भारत के व्यापारिक रिश्तों में बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति जिनपिंग ने इस विषय पर चर्चा का भारोसा जताया है.


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