दिल्ली: CAA हिंसा में दो की मौत, गृह मंत्रालय ने कहा-हिंसा भड़काई गई
उत्तरपूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दो गुटों की झड़प में एक हेड कॉन्सटेबल और एक व्यक्ति की मौत हो गई. वहीं कई लोग घायल भी हुए हैं. घायल होने वालों में दिल्ली पुलिस का एक डीएसपी भी शामिल है. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तरपूर्वी दिल्ली में लगातार दो दिनों से झड़प जारी है.
मरने वालों में हेड कॉन्सटेबल की पहचान रतनलाल और नागरिक की पहचान मोहम्मद फुरकान के रूप में हुई है. मुख्य रूप से उत्तरपूर्वी दिल्ली के मौजपुर, बाबरपुर, चांदपुर, भजनपुरा, यमुना विहार इत्यादि इलाकों में हिंसा हुई है. इन इलाकों में पत्थरबाजी के साथ कई वाहनों, दुकानों और घरों में आग भी लगा दी गई.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि दिल्ली में यह हिंसा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के दौरे को देखते हुए भड़काई गई लगती है. उन्होंने कहा कि हिंसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
रेड्डी ने कहा कि दिल्ली में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. हमारी प्राथमिकता दिल्ली में कानून व्यवस्था को बनाए रखना है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को समर्थन देने वाला राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और दूसरे अन्य लोगों को बताना चाहिए कि भारत की छवि खराब करने के लिए कौन जिम्मेदार है.
इससे पहले मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के पास दो गुटों ने एक दूसरे पर पत्थरबाजी की और यमुना विहार के पास कई वाहनों में आग लगा दी. जाफराबाद और मौजपुर में कम से कम दो वाहनों में आग लगाई गई. घायलों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और उपराज्यपाल ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी दिल्ली के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की.
इससे पहले 23 फरवरी को दिल्ली के इन्हीं इलाकों में स्तिथि तब बिगड़ गई, जब बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन के पास नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में लोगों को इकट्ठा किया. मौजपुर-बाबरपुर मेट्रो स्टेशन से दो किलोमीटर दूर जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा था.
कपिल मिश्रा ने 23 फरवरी को ट्विटर पर कहा, ‘हमने सड़क खाली कराने के लिए दिल्ली पुलिस को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. जाफराबाद और चांदबाग रोड को खाली कराया जाए.’
स्थानीय लोगों के अनुसार 23 फरवरी को लगभग साढ़े चार बजे कपिल मिश्रा इलाके से चले गए और उसके तुरंत बाद हिंसा शुरू हो गई. लोगों का एक समूह जाफराबाद से बाबरपुर की ओर जाने लगा और दो गुटों के बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई.
इस पत्थरबाजी में और लोग भी शामिल होते गए और हिंसा बाबरपुर के भीतरी इलाकों में भी होने लगी. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े.