#CycloneFani: ओडिशा में 12 मौतें, बांग्लादेश में 14 लोगों की मौत


cyclone fani to hit coastal Odisha's Puri district

 

ओडिशा के मयूरभंज जिले में चार और लोगों की मौत के साथ ही हताहतों की संख्या 12 हो चुकी है.

प्रशासन से मिल रही जानकारी के मुताबिक ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में कच्चे घरों, बिजली के खंभों और पेड़ों का काफी नुकसान हुआ है. पुरी, जगतसिंहपुर, कोरधा, गंजाम और केंद्रपाड़ा जिलों में कई लोगों के घायल होने की खबरें मिल रही हैं.

  ओडिशा: सड़क को दोबारा चालू कर दिया गया है. सभी अस्पताल में इलाज हो रहा है. टेलीफोन सेवा को दोबारा बहाल करने को लेकर काम चल रहा है.

 रेलवे दो ट्रेनों को छोड़कर फोनी चक्रवात के मद्देनजर रोकी गई भुवनेश्वर के लिये सभी रेल सेवाओं को रविवार को फिर से बहाल करेगा. भुवनेश्वर-तिरुपति और विशाखापट्टनम इंटरसिटी ट्रेन रद्द रहेंगी.

  चक्रवात फोनी के गुजरने के बाद कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (केओपीटी) ने फिर से परिचालन शुरू कर दिया है.

  ‘फोनी’ के बांग्लादेश में दस्तक देने के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 63 अन्य घायल हो गए हैं.

हालांकि, बांग्लादेश आपदा प्रबंध मंत्रालय ने तीन तटीय जिलों से मिली शुरूआती खबरों के आधार पर चार मौतों की आधिकारिक रूप से पुष्टि की है. इनमें से दो मौतें बरगुना में तथा एक – एक मौत भोला और नोआखली में हुई है.

ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक आठ जिलों से 14 मौतों की खबर मिली है.

तूफान में कई पेड़ उखड़ गए और 500 से अधिक मकानों को नुकसान पहुंचा.

बांग्लादेश के अधिकारियों ने कहा है कि 16 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है क्योंकि देश के तटवर्ती इलाकों में तटबंधों के टूटने के चलते करीब 36 गांवों में पानी भर गया है.

डेली स्टार की खबर के मुताबिक बांग्लादेश के कई हिस्सों में आसमान में बादल छाये हुए हैं.

तूफान के दस्तक देने के बाद से देश के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट ठप पड़ने की खबरें हैं.

डेली स्टार अखबार की खबर में कहा गया है कि खराब मौसम के चलते अधिकारियों को अब तक 12 उड़ानें रद्द करनी पड़ी हैं.

  चक्रवात की वजह से आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में भारी बारिश हुई और 10 हजार नारियल पेड़ उखड़ गए तथा कृषि और बागवानी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.

अधिकारियों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में चक्रवाती तूफान की वजह से 58.61 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा है. मुख्य तौर पर यह नुकसान श्रीकाकुलम जिले में हुआ जिसकी सीमा ओडिशा से लगती है. चक्रवात की वजह से आंध्र प्रदेश में करीब 300 घरों को नुकसान पहुंचा है.

 भुवनेश्वर हवाईअड्डा पर उड़ानों का परिचालन बहाल

  पश्चिम बंगाल में चक्रवात फोनी सुबह तक कमजोर पड़ गया. अब यह पड़ोसी बांग्लादेश की ओर बढ़ चुका है.

क्षेत्रीय मौसम केंद्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शहर में रात में 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं और मध्यम से भारी बारिश हुई.

  भारतीय तटरक्षक की आपदा राहत टीम और उड़ीसा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ODRAF) राहत कामों में जुटी हुई है.

  वाइस एडमिरल करमबीर सिंह ने ओडिशा के आईएनएस के चिल्का नेवल बेस  पहुंचकर हालात का जायजा लिया.

अधिकारी ने बताया कि चक्रवात जिन जिलों से गुजरा, वहां किसी के हताहत होने या किसी बड़ी क्षति की कोई खबर नहीं है.

फोनी चक्रवात पश्चिमी मिदनापुर के खड़गपुर से होते हुए बीती रात 12 बजकर 30 मिनट पर पश्चिम बंगाल में दाखिल हुआ.

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि इस बीच कोलकाता हवाईअड्डे पर शनिवार सुबह 9 बजकर 57 मिनट पर विमानों का परिचालन शुरू कर दिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि सियालदह और हावड़ा क्षेत्र में ट्रेनों का परिचालन भी सामान्य हो रहा है.

भारतीय नौसेना ने राहत कार्यों के लिए पूर्वी तट पर छह पोतों को तैनात किया है जबकि पांच पोतों, छह विमानों और सात हेलीकॉप्टरों को विशाखापत्तनम में तैयार रखा गया है.

वहीं, भारतीय वायु सेना ने राहत कार्यों के लिए दो सी-17 विमान तैनात किए हैं जबकि दो सी-130 और चार एएन-32 विमानों को तैयार रखा गया है। भारतीय तटरक्षक बल ने छह पोत तैनात किए हैं और छह पोतों को तैयार रखा है.

  चक्रवात फोनी के कारण ओडिशा में राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट), 2019 टाल दी गयी है.

एचआरडी सचिव आर. सुब्रमण्यम ने ट्वीट किया, ‘‘फोनी चक्रवात के मद्देनजर चलाए जा रहे राहत और पुनर्वास कार्य को लेकर ओडिशा सरकार के अनुरोध के बाद राज्य में पांच मई को होने वाली नीट परीक्षा टाल दी गयी है. ओडिशा में परीक्षा के लिए संशोधित तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी.’’

 वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने उद्योग मंडलों को चक्रवात फोनी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए राहत अभियान चलाने की अपील की है.

प्रभु ने उद्योग मंडलों सीआईआई, फिक्की और एसोचैम को टैग करते हुए लिखा, ”वाणिज्य एवं उद्योग से जुड़े सभी लोगों से फोनी चक्रवात से प्रभावित लोगों की राहत के लिए अभियान चलाने की अपील करते हैं. सभी मंडलों को इस आपदा को लेकर तत्काल कुछ कदम उठाने चाहिए.”

उल्लेखनीय है कि चक्रवाती तूफान फोनी ने पूर्वी राज्य ओडिशा में काफी तबाही मचायी है और इसकी वजह से कम-से-कम 12 लोगों की जान चली गयी.

 सार्वजनिक क्षेत्र की आयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी) ने बंगाल की खाड़ी क्षेत्र स्थित अपने प्रतिष्ठानों में फिर से परिचालन शुरू कर दिया.

  भारी बारिश और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली प्रचंड हवाओं की चपेट मे कम से कम आठ लोग मारे गए हैं. अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.

तटीय राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है और मछुआरों को समुद्र में नहीं उतरने को कहा गया है.

पूर्व तट रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हावडा – चेन्नई मार्ग पर करीब 220 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं.

तूफान के पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ने के मद्देनजर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले 48 घंटे के लिये पूर्वनियोजित अपनी सभी चुनावी रैलियों को रद्द कर दिया है और स्थति पर नजर रख रही हैं.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुरी जिले में एक किशोर सहित तीन लोगों, भुवनेश्वर और आसपास के इलाकों में तीन लोगों के मारे जाने की खबर है. एक कंक्रीट के मलबे की चपेट में आने से नयागढ़ में एक महिला की मौत हो गई जबकि केंद्रपाड़ा जिले में एक राहत शिविर में एक बुजुर्ग महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्थिति की समीक्षा की है. उन्होंने कहा कि पुरी जिला को भारी नुकसान पहुंचा है, जहां चक्रवात ने सबसे पहले दस्तक दी.

उन्होंने कहा, ‘‘बिजली आपूर्ति का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से नष्ट हो गया. बिजली आपूर्ति बहाल करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है. ’’

बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए सैकड़ों इंजीनियर और तकनीशियन युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं.

पटनायक ने कहा कि सड़क संपर्क बहाल करने के लिए कार्य जारी है.

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि चक्रवात अब भी ओडिशा से गुजर रहा है. नुकसान के आकलन करने में वक्त लगेगा.

भुवनेश्वर स्थित मौसम विभाग केंद्र के निदेशक एचआर विश्वास ने फानी के दस्तक देने के शीघ्र बाद बताया कि चक्रवात करीब 30 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है.

हालांकि, कुछ देर के अंदर हवाओं ने 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली. राज्य की राजधानी भुवनेश्वर में भी नुकसान पहुंचा है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य प्रशासन ने चक्रवात से पहले करीब 10,000 गांवों और 52 शहरी इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को हटा लिया था.

ये सभी लोग 4,000 से अधिक शिविरों में ठहरे हुए हैं जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिये बनाये गये 880 केंद्र शामिल हैं.

विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने बताया कि भुवनेश्वर में करीब 140 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से तूफान ने दस्तक दी.

राज्य की राजधानी भुवनेश्वर एवं अन्य कई इलाकों में संचार लाइनें बाधित हो गयी हैं. मोबाइल टावर क्षतिग्रस्त हो गये हैं और कई जगहों पर बिजली की आपूर्ति ठप हो गयी है.

भुवनेश्वर से मिली खबर के अनुसार कई पेड़ टूटकर गिर गये हैं जिससे सड़कें बाधित हो गयी हैं.

ग्रीष्मकालीन फसलों और बागानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है.

राष्ट्रीय टीवी चैनलों ने भुवनेश्वर में एक बस को तेज हवाओं के प्रभाव से डगमगाते दिखाया गया है. वहीं एक पुलिस बूथ राजमार्ग पर 200 फुट तक घसीट कर चला गया.

भुवनेश्वर हवाई अड्डा शुक्रवार को भी बंद रहा जबकि पारादीप और गोपालपुर बंदरगाह भी एहतियाती कदम उठाते हुए बंद कर दिए गए थे.

रेलवे चक्रवात प्रभावित ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के लिए राहत सहायता सामग्री मुफ्त में पहुंचाएगा. रेलवे ने इस सिलसिले में कुछ दिशानिर्देश जारी किए हैं और सभी डिविजनल रेलवे मैनजरों को पत्र लिख कर कहा है कि सभी सरकारी संगठन प्रभावित राज्यों के लिए राहत सामग्री मुफ्त में बुक कर सकते हैं.

पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर सहित कई जिलों, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के अलावा हुगली, झारग्राम, कोलकाता और सुंदरबन के भी चक्रवात से प्रभावित होने की संभावना है. इसके बाद बांग्लादेश की ओर बढ़ते हुए इसका असर कम होता जायेगा.

नयी दिल्ली स्थित विमानन नियामक संस्था डीजीसीए ने बताया कि कोलकाता हवाईअड्डे पर तीन मई को दिन में तीन बजे से चार मई को सुबह आठ बजे तक न तो कोई विमान हवाईअड्डा पर उतरेगा और न ही वहां से उड़ान भरेगा.

गृह मंत्रालय ने कहा है कि चक्रवात ‘फोनी’ का केंद्र सुबह 10 बजे तक स्थलीय क्षेत्र में पहुंच गया जिससे इसकी प्रचंडता कम हो गयी. हालांकि इस चक्रवात के कारण ओडिशा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है.

गृह मंत्रालय नियंत्रण कक्ष में हेल्पलाइन नंबर 1938 शुरू किया गया है. एनडीआरएफ ने 60 टीमों को तैनात किया है जबकि 25 टीमों को तैयार रखा है. हर टीम में 45 सदस्य होते हैं.

शिलांग से प्राप्त खबर के मुताबिक मेघालय सरकार ने चक्रवात फोनी के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की एक पलटन तैनात करने की मांग की है.

गुवाहाटी से प्राप्त समाचार के मुताबिक असम सरकार ने सभी जिला उपायुक्तों और संबद्ध एजेंसियों को अलर्ट पर रहने को कहा है.

  भुवनेश्वर से व्यावसायिक विमानों की उड़ान चार मई को एक बजे दिन से शुरू होगी.

  भारत सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि फोन पर हुई बातचीत के मुताबिक पुरी में, कच्चे मकानों, पुराने बिल्डिंग और अस्थाई दुकानों को व्यापक नुकसान पहुंचा है. पुरी में अबतक एक भी लोगों की मौत की पुष्टि नहीं हो पाई है लेकिन चक्रवात के चपेट में 160 लोगों के घायल होने की खबर है. बिजली और टेलीफोन सेवा पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं. एनडीआरएफ और राज्य सुरक्षाबल के जवान सड़कों को दोबारा चालू करने में लगे हैं.

 चुनाव आयोग ने बचाव और राहत कार्य के लिए पूर्वी गोदावरी, विशाखापत्तनम, विजिनगरम और श्रीकाकूलम जिले में आदर्श चुनाव आचार संहिता में छूट देने के प्रस्ताव को मान लिया है.

 कोलकाता में भारी बारिश हो रही है. सड़कों पर पानी भर गया है और भारी जाम लगा हुआ है. पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हो रही है.

पश्चिम बंगाल में अगले 24 घंटों के लिए राजनीतिक पार्टियों की कई रैली को स्थगित किया गया है.

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि साइक्लोन प्रभावित राज्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये अग्रिम रूप से जारी की गई है.

 केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि नागरिक उड्डयन सचिव लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं, डीजीसीए एयरलाइन्स को नए निर्देश जारी करेगी.

 इंडियन कोस्ट गार्ड इंस्पेक्टर जनरल केआर सुरेश ने कहा कि समुद्र में (मछली पकड़ने या किसी अन्य वजह से गए) साइक्लोन फोनी की वजह से अबतक किसी के मरने की खबर नहीं है.

  स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ने ओडिशा में चक्रवात से तीन लोगों की मौत की पुष्टि की है. उन्होंने कहा, रिलीफ सेल्टर में एक व्यक्ति की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई है. जबकि दो अन्य व्यक्ति प्रशासन की चेतावती के बाद भी चक्रवात में बाहर निकले और उस दौरान उनकी मौत हो गई.

  आईएमडी अधिकारी मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि अगले तीन घंटों में चक्रवात कमजोर पड़ने लगेगा.

 आइएमडी हैदराबाद से मिल रही जानकारी के मुताबिक ओडिशा में पुरी तट पर अधिकतम 240-245 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल रही हैं. चक्रवात का प्रभाव धीरे-धीरे कम होगा, जिसके बाद यह पश्चिम बंगाल के तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ेगा.

 चक्रवात फोनी के प्रभावों से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन की 34 टीमें तैयार हैं. जिन्हें विशाखापट्टनम, चेन्नई, पारादीप, गोपालपुर, हल्दिया और कोलकाता में तैनात किया गया है. इसके साथ ही विशाखापट्टनम और चैन्नई में बचाव कार्य के लिए कोस्ट गार्ड के चार जहाज भी तैयार रखे गए हैं.

 ओडिशा में पुरी तट से चक्रवात फोनी आज सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर टकराया.

चक्रवात से जुड़ी जानकारी पाने के लिए नीचे दी गई हेल्पलाइन पर कॉल करें-

ओडिशा आपातकाल हेल्पलाइन नंबर है: +916742534177

गृह मंत्रालयल की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर है: 1938

रेलवे हेल्पलाइन नंबर:

भुवनेश्वर- (0674-2303060, 2301525, 2301625)

खुर्दा रोड- (0674-2490010, 2492511, 2492611)

संबलपुर-(0663-2532230, 2533037, 2532302)

विशाखापट्टनम- (0891- 2746255, 1072)

पुरी- 06752-225922

भद्रक- 06784-230827

कट्टक- 0671-2201865

ब्रह्मपुर- 0680-2229632

  भुवनेश्वर मौसम विभाग के अध्यक्ष एचआर बिसवास ने बताया कि “तटीय क्षेत्रों में फोनी का प्रभाव दिखना शुरू हो गया है. ये सुबह 8 से 11 बचे तक जारी रहेगा.”

  तूफान में फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम (SBSTC) ने दीघा से 50 बसों का संचालन शुरू किया है. रेल यातायात प्रभावित होने की वजह से दीघा में फंसे हुए पर्यटकों को निकालने के लिए बसों का संचालन सुबह पांच बजे से शुरू कर दिया गया है.

  आईएमडी ने जानकारी दी है कि चक्रवात उत्तर-उत्तरपूर्वी दिशा में आगे बढ़ेगा. जिसके बाद संभावनाएं है कि यह कल 4 मई की शाम को बांग्लादेश में दस्तक दे सकता है.

फोनी च्रकवात ओडिशा के तट की ओर बढ़ रहा है और यह अनुमानित समय दोपहर बाद तीन बजे से बहुत पहले ही सुबह में तटीय क्षेत्र से टकराएगा.

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान घरों के अंदर ही रहें और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं.

इससे पहले राज्य सरकार ने 15 जिलों के 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा दिया था. सरकार ने लोगों को आज घरों में रहने की सलाह दी है. प्रशासन की कोशिश है कि चक्रवात के कारण जान-माल को कम-से-कम नुकसान हो.


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