जहरीली होती है ई-सिगरेट: अध्ययन


E-cigarettes can cause poisoning: Study

 

एक सरकारी अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम (ENDS) और इससे जुड़े उत्पाद ई-सिगरेट, ई तंबाकू आदि जहरीला होते हैं. यहां तक कि तंबाकू उत्पादों के मुकाबले इनके कम हानिकारक  होने की बात भी पूरी तरह भ्रामक है.

इन उत्पादों के प्रभावों का अध्ययन करने वाले सरकारी पैनल ने राज्यों से इन उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबन्ध लगाने को कहा है.

इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलीवरी सिस्टम के तहत ई-सिगरेट, वेप,  ई-हुक्का जैसे उत्पाद शामिल हैं.  पैनल ने स्वास्थ मंत्रालय को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अध्ययन से यह साबित होता है कि ई-सिगरेट अन्य तंबाकू उत्पादों जितनी ही खतरनाक होती है. इसकी वजह से अकाल मृत्यु और रोगियों की संख्या बढ़ सकती है.

नतीजे पर पहुंचने से पहले समिति ने 251 अध्ययनों और रिपोर्टों का विश्लेषण किया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि ENDS में इस्तेमाल की गई सामग्री खतरनाक और जहरीली होती है.

पैनल ने कहा कि इन उत्पादों को बेचने के लिए विज्ञापन रणनीति के तहत इसे आकर्षक बनाते हुए कम नुकसानदायक बताया जा रहा है. इन उत्पादों के ज्यादातर उपभोक्ता किशोर हैं.

इस पैनल में एम्स, रोग सूचना और अनुसंधान और अन्य सरकारी संस्थानों के डॉक्टर शामिल हैं.

ई-सिगरेट एक तरह की डिवाइस होती है जो गर्म होने से धुआं पैदा करती है. इसमें तंबाकू के पत्तों की जगह एक तरह के घोल का वाष्पीकरण होता है. इसका सेवन करने वाले इस धुएं को सांस के जरिए शरीर के अंदर लेते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि ENDS में इस्तेमाल होने वाली मुख्य सामग्री निकोटिन होती है. इससे दिल और फेफड़े की बीमारियां हो सकती हैं.

इसका शरीर की प्रतिरोधी क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है. अगर गर्भवती महिलाएं इसका सेवन करती हैं, तो गर्भपात भी होने का खतरा है.

अगस्त 2019 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एक परामर्श-पत्र जारी किया था. इसमें ENDS की बिक्री, निर्माण, वितरण, आयात और विज्ञापन पर रोक लगाने का आदेश दिया गया था. अब तक दुनिया के 36 देशों और भारत के 12 राज्यों में ई-सिगरेट की बिक्री पर रोक है. लेकिन, भारत के ज्यादातर राज्यों में इससे जुड़े कई उत्पाद अब भी उपलब्ध हैं.


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