2019 आम चुनाव घोषणा पत्र में जीएसटी पर दांव लगाएगी कांग्रेस
कांग्रेस साल 2019 आम चुनाव के लिए अपने घोषणा पत्र में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में बड़े बदलाव करने का वादा करने जा रही है. बिजनेस स्टैंडर्ड की विशेष रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी सत्ता में आने पर जीएसटी के वर्तमान ढांचे में व्यापक बदलाव कर सकती है. इस बात के संकेत पंजाब के वित्त मंत्री और जीएसटी परिषद में कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्रियों का प्रतिनिधित्व करने वाले मनप्रीत सिंह बादल ने हाल में राजधानी दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेस संबोधित करते हुए दिए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि घोषणा पत्र की ड्राफ्टिंग समिति जीएसटी के ढांचे में बदलाव को ही आम चुनाव के लिए बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है. कृषि संकट और युवाओं के लिए रोजगार जैसे मुद्दे भी घोषणा पत्र में प्रमुखता से शामिल किए जाएंगे.
हालांकि बादल ने इस संभावना से इंकार किया है कि पार्टी सत्ता में आने पर जीएसटी खत्म कर देगी. रिपोर्ट की मानें तो पार्टी बदली हुई आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संविधान सशोधन के जरिए जीएसटी के नए संस्करण को ला सकती है. हालांकि पार्टी के आर्थिक मामलों के प्रवक्ता गौरव बल्लभ इस संभावना से भी इंकार करते हैं. उनका मानना है कि जीएसटी परिषद को सभी प्रकार के बदलावों को करने के लिए आवश्यक अधिकार मिले हुए हैं और पार्टी संविधान संशोधन का सहारा नहीं लेगी.
घोषणा पत्र में पार्टी जीएसटी की दरों को सरल बनाने पर विशेष जोर देगी. कांग्रेस आरम्भ से ही जीएसटी की टैक्स दर को अधिकतम दो दरों तक सीमित रखने की वकालत करती रही है. बादल ने यह भी जोड़ा है कि पार्टी पेट्रोल और डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाना चाहती है. इसके अलावा, पार्टी कपड़ा उद्योग की टैक्स दर को भी अधिक तार्किक बनाने की मांग कर रही है. घोषणा पत्र में पार्टी साइकिल उद्योग जैसे छोटे उद्योगों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने की बात भी रखेगी.
जीएसटी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को बार-बार अपना रुख बदलने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. विशेषकर, कांग्रेस उसे एक टैक्स दर के मुद्दे पर लगातार घेरती रही है.