जम्मू-कश्मीर ‘सेक्सटॉर्शन’ पर कानून लाने वाला पहला राज्य बना
जम्मू-कश्मीर प्रभावशाली पदों पर आसीन व्यक्तियों, जिम्मेदार व्यक्तियों या जनसेवकों द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने पर रोक लगाने संबंधी कानून लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक की अध्यक्षता में राज्य प्रशासनिक परिषद ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार रोकथाम (संशोधन) विधेयक, 2018 और जम्मू-कश्मीर आपराधिक कानून (संशोधन)2018 को मंजूरी दी.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक के माध्यम से रणबीर दंड संहिता में संशोधन का प्रयास किया गया है, जहां धारा 354 ई के तहत अपराध विशेष को शामिल किया गया है.
देश के जम्मू-कश्मीर राज्य में लागू अपराध एवं दंड संहिता को रणबीर दंड संहिता कहते हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के मुताबिक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) जम्मू कश्मीर राज्य पर लागू नहीं होगी.
प्रवक्ता के मुताबिक आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 154, 161 और साक्ष्य अधिनियम की धारा 53 ए में संशोधन किया जा रहा है. जिससे ‘सेक्सटॉर्शन’ (यौन अपराध) को रणबीर दंड संहिता में उल्लेखित इसी प्रकार के अन्य मामलों के समकक्ष लाया जा सके.
भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम में भी संशोधन किया जा रहा है. इससे कदाचार की परिभाषा बदली जा सकेगी. इसके बाद यौन रुझान की मांग को भी धारा पांच के अर्थ के अंतर्गत कदाचार माना जाएगा.