“सेव पब्लिक एजुकेशन” की गूंज के बीज जेएनयू छात्रों का संसद तक मार्च


jnu students march to Parliament over demand of complete fee roll back

 

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय समेत अन्य विश्वविद्यालय के छात्र बढ़ी हॉस्टल फीस और उच्च शिक्षा को प्रभावित करने वाले अन्य मुद्दों के विरोध में जेएनयू से संसद तक मार्च निकाल रहे हैं. छात्रों के मार्च को देखते हुए संसद के आस-पास धारा 144 लगाई गई है.

हालिया अपडेट के मुताबिक छात्र ‘सेव पब्लिक एजुकेशन’ का नारा लगाकर मार्च निकाल रहे हैं. पुलिस ने बैरिकेड लगा कर छात्रों को विश्वविद्यालय के बाहर रोकने की कोशिश की लेकिन छात्र बैरिकेड तोड़ कर बैर सराय की ओर आगे बढ़ रहे हैं. केंद्रीय विद्यालय, बाबा गंगानाथ के पास ज्यादा संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और छात्रों को रोकने के लिए वॉटर कैनन की भी व्यवस्था गई है.

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, ‘दिल्ली पुलिस ने संसद भवन की तरफ जा रहे शांतिपूर्ण मार्च को रोक दिया. मानव संसाधन विकास मंत्रालय, समिति गठित कर छात्रों को मूर्ख बना रहा है. जब तक बातचीत हो रही है तब तक के लिए समिति शुल्क वृद्धि को खत्म क्यों नही कर देती है? हम लोग शुल्क वृद्धि को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.’

जेएनयूएसयू ने कल कहा था कि, ”ऐसे समय में जब देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने पर हो रही है, तो समग्र शिक्षा के लिए छात्र आगे आए है. हम संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेएनयू से संसद तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने के लिए सभी छात्रों को आमंत्रित करते हैं.”

इस बीच जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार ने विरोध कर रहे छात्रों से रविवार को अपील की कि वे अपनी कक्षाओं में लौट आएं, क्योंकि परीक्षाएं नजदीक हैं.

विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि उन्हें चिंतित अभिभावकों और छात्रों के ई-मेल आ रहे हैं.

वहीं आज मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने तीन सदस्यीय एक समिति गठित की, जो जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की सामान्य कार्यप्रणाली बहाल करने के तरीकों पर सुझाव देगी.

अधिकारियों ने बताया कि जेएनयू पर एचआरडी मंत्रालय की समिति छात्रों एवं प्रशासन से बातचीत करेगी और सभी समस्याओं के समाधान के लिए सुझाव देगी.

विश्वविद्यालय के छात्र उस मसौदा छात्रावास नियमावली के खिलाफ तीन सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें छात्रावास का शुल्क बढ़ाने, ड्रेस कोड तय करने और छात्रावास में आने-जाने का समय तय करने की बात की गई है. छात्रों के प्रदर्शन के बाद सरकार ने फीस में कुछ कटौती की घोषणा की थी लेकिन छात्रों ने फीस बढ़ाने के फैसले को पूरी तरह वापस लेने की मांग की है.


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