महाराष्ट्र का किसान आंदोलन खत्म, मांगों को पूरा करने का भरोसा


 

सरकार की ओर से मांगों को पूरा किए जाने का भरोसा दिए जाने के बाद किसानों ने आंदोलन वापस ले लिया है. देर शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसान नेताओं से मुलाकात के बाद सभी मांगे मानने का भरोसा दिया है.

इससे पहले मुंबई के आजाद मैदान में प्रदर्शन कर रहे किसान विधानसभा के बाहर पहुंच गए थे. वे लिखित आश्वासन की मांग कर रहे हैं. सूखा राहत और आदिवासियों को भूमि अधिकार देने की मांग कर रहे हजारों किसान दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान के लिए तड़के सुबह कूच किए थे.

मोर्चा के एक नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मोर्चा के नेताओं को चर्चा के लिए  22 नवंबर को दोपहर बाद विधान भवन में आमंत्रित किया है.  विधानसभा में अभी शीतकालीन सत्र चल रहा है.

21 नवंबर को ठाणे से मुंबई के लिए किसानों का दो दिवसीय मार्च शुरू हुआ था.

मोर्चा की महासचिव प्रतिभा शिंदे ने कहा, ‘‘हम राज्य सरकार से अपनी दीर्घकालिक मांगों को पूरा करने के लिए लगातार कह रहे हैं, लेकिन प्रतिक्रिया लचर रही. इसलिए हम यह आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर हुए.’’

जल संकट पर काम करने वाले मैगसेसे पुरस्कार विजेता डॉक्टर राजेंद्र सिंह भी मार्च में शामिल रहे. उन्होंने सूखे के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और इसे मानव-जनित करार दिया.

उन्होंने बताया कि मोर्चा में भाग लेने वाले अधिकतर किसान ठाणे, भुसावल और मराठवाड़ा क्षेत्रों के हैं.

किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की मांग कर रहे हैं जिसके मुताबिक, किसानों को पानी और भूमि जैसे संसाधनों पर सुनिश्चित पहुंच और नियंत्रण मिलना चाहिए.

किसान लोक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं. यह दूसरा मौका है जब किसान यहां आंंदोलन के लिए पहुंचे हैं. आठ महीने पहले अपनी मांगों को लेकर किसानों ने आजाद मैदान में प्रदर्शन किया था.


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