बीजेपी के प्रचार के लिए प्रवासी अमेरिकी भारतीयों ने कमर कसी


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी अगले आम चुनाव की तैयारी में जुट गई है. पार्टी के प्रचार अभियान की जड़ें देश से बाहर भी हैं और इस बात की पुष्टि साल 2014 के आम चुनाव में भी हुई थी. एक बार फिर, प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी के नाम पर स्वीकार्यता बनाने के लिए पार्टी के देश से बाहर स्थित प्रचार-समूह सक्रिय हो गए हैं.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, अमेरिका स्थित भारतीय मूल के बहुत से बीजेपी समर्थकों ने पार्टी और विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में अपना प्रचार अभियान आरंभ कर दिया है. अखबार ने अमेरिका में आईटी कंसल्टेंट के रूप में कार्यरत 47 वर्षीय मधु बेल्लम की प्रचार गतिविधियों का जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया है. बेल्लम इस समय देश में रहने वाले 1,500 भारतीय मतदाताओं से फोन के जरिए संपर्क कर रहे हैं. उन्हें इन मतदाताओं के संपर्क नंबर खुद पार्टी ने मुहैया करवाए हैं.

मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले मधु बेल्लम ने साल 2011 में अमेरिका की नागरिकता ली थी. वे फोन पर मतदाताओं से अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आरंभ की गई योजनाओं का प्रचार करने के लिए कह रहे हैं. इसके साथ-साथ वे भारत स्थित अपने परिचितों और रिश्तेदारों से भी पार्टी के प्रचार के लिए संपर्क कर रहे हैं.

अमेरिका में बीजेपी का प्रचार करने वाले समूह में 4,000 सदस्य हैं, हालांकि इस प्रचार समूह के अध्यक्ष कृष्णा रेड्डी बताते हैं कि यह सदस्य संख्या 3,00000 के आस-पास तक है. ये सभी मूल रूप से भारतीय हैं जो बीते सालों में अमेरिका में आकर बस गए हैं. ये सभी भारत में जाकर वोट नहीं करते, लेकिन आम चुनाव में बीजेपी के पक्ष में माहौल तैयार करने में मदद करते हैं.

बीते सालों में बीजेपी के समर्थक वर्गों का विस्तार दुनिया के बहुत से देशों में हुआ है. लेकिन संख्या और प्रभाव के मामले में अमेरिका में बसा समर्थक वर्ग सबसे मजबूत है. इस वर्ग की जड़ें मूल रूप से बीजेपी के सहयोगी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी हैं. अमेरिका में बीते दशकों में गुजराती समुदाय का बड़ा हिस्सा भी जाकर बसा है. ये वर्ग भी नरेंद्र मोदी की नीतियों का प्रशसंक है और उनकी विशिष्ट छवि तैयार करने में मदद करता है.

अमेरिका स्थित बीजेपी के प्रचार समूह के अध्यक्ष कृष्णा रेड्डी बताते हैं कि आने वाले कुछ महीनों में बीजेपी का समर्थक वर्ग लगभग 5 ,00000 फोन काल के जरिए विभिन्न लोगों से संपर्क करने की तैयारी में है. वे मुख्य रूप से अपने गृह नगरों और देश के बड़े समझे जाने वाले राज्यों के मतदाताओं से संपर्क करेंगे.

बीजेपी के इस प्रचार तंत्र का मुकाबला करने के प्रयास कांग्रेस भी कर रही है. बीते साल अमेरिका के दौरे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रवासी भारतीयों को देश की रीढ़ कहा था. हालांकि बीजेपी की तरह कांग्रेस फोन के जरिए लोगों से संपर्क नहीं कर रही है.

यह गौर करने वाली बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीते सालों में एक विशिष्ट किस्म की वैश्विक छवि बनी है. इस छवि के पीछे प्रवासी भारतीयों द्वारा चलाए जा रहे ऐसे प्रचार-अभियानों की भूमिका अहम रही है.

 


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