लोगों का डेटा कॉरपोरेट कंपनियों को बेचने की तैयारी में है सरकार: सुप्रिया सुले
नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता सुप्रिया सुले ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण के एक हिस्से का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सरकार आम लोगों का डेटा निजी कंपनियों को बेचने की तैयारी कर रही है. 4 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण संसद में पेश किया था. सुले ने यह बात 2 मार्च को आधार और अन्य विधेयक संशोधनों के सिलसिले में लाए गए अध्यादेश पर बहस के दौरान कही.
उन्होंने आर्थिक सर्वेक्षण के उस हिस्से की ओर ध्यान दिलाया, जिसमें कहा गया है कि निजी कंपनियों को कारोबारी इस्तेमाल के लिए लोगों का डेटा इस्तेमाल करने की मंजूरी दी जा सकती है. चूंकि आर्थिक सर्वेक्षण के इस हिस्से में यह भी लिखा है कि डेटा बेचने से सरकार पर पड़ने वाले आर्थिक दबाव को भी कम किया जा सकेगा, इसलिए सुले ने सवाल पूछा, “तो क्या सरकार अपने आर्थिक फायदे के लिए लोगों का डेटा बेच रही है?”
इस हिस्से में यह भी लिखा है कि डेटा को डेटा विश्लेषण करने वाली उन कंपनियों को बेचा जा सकता है जो इनके आधार पर महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकालती हैं. इन निष्कर्षों के आधार पर कॉरपोरेट कंपनियां बाजार में मांग का स्तर पता करती हैं. सुले ने सवाल किया कि अगर ऐसा है तो सरकार को अपने ऊपर शर्म आनी चाहिए क्योंकि जो डेटा सरकार कॉरपोरेट कंपनियां को बेच रही है, वह लोगों का है.
सुले ने आधार के मुद्दे पर भी सरकार की कथनी-करनी में फर्क बताया. उन्होंने रविशंकर प्रसाद के उस दावे को खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि लोगों ने अपनी मर्जी से अपने बच्चों का नर्सरी में प्रवेश करने के लिए आधार नंबर दिया. उन्होंने कहा कि आज अगर कोई बच्चा घूमने जाता है तो स्कूल उससे आधार कार्ड मांगता है. उन्होंने कहा कि आधार अनिवार्य क्यों है, जब हमारे पास वोटर कार्ड पहले से है.