मशहूर हास्य कवि प्रदीप चौबे का निधन
बरसों तक मंचों पर हास्य की फुहार छोड़ने वाले मशहूर हास्य कवि प्रदीप चौबे का ग्वालियर में निधन हो गया है. खबरों के अनुसार, उन्हें दिल में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल भर्ती कराया गया था.
उनका जन्म 26 अगस्त को 1949 को चंद्रपुर (महाराष्ट्र) में हुआ और सत्तर और अस्सी के दशक में उन्होंने काका हाथरसी, शैल चतुर्वेदी और अशोक चक्रधर जैसे बड़े नामों के साथ मंचों पर हास्य कविताएं पढ़कर लोगों की सराहना हासिल की. एक समय तक ये कुछ नाम मंचों पर हास्य का पर्याय बनकर रहे. यह वह ज़माना था जब आज की तरह टीवी पर कॉमेडी शो की भरमार नहीं थी.
उनकी कई कविताएं मशहूर हुईं. भारत की रेल यात्रा के अनुभवों का बयान करने वाली उनकी कविता ‘रेलमपेल’ की मांग हमेशा मंचों पर होती रही. ‘बहुत प्यासा है पानी’, ‘खुदा गायब है’, ‘बाप रे बाप’, ‘आलपिन’, ‘चले जा रहे हैं’ आदि उनकी प्रमुख रचनाएं थीं. उन्हें पूर्व राष्ट्रपति डॉ. शंकरदयाल शर्मा ने लोकप्रिय हास्य-कवि के रूप में सम्मानित किया. चौबे को इसके साथ ही ‘काका हाथरसी पुरस्कार’ भी मिला.