विहिप की धर्म-सभा से डरे अयोध्यावासी, धारा 144 लागू
PTI
विश्व हिन्दू परिषद की अयोध्या में हो रही धर्म-सभा में बड़ी संख्या में हिन्दू दक्षिणपंथी कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं. शहर को भगवा रंग से रंग दिया गया है. कार्यकर्ता हाथों में भगवा झंडे और त्रिशूल लेकर घूम रहे हैं. धर्म-सभा में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) के कार्यकर्ता भी शामिल हैं. अल्पसंख्यकों में भय की रिपोर्ट मिलने के बाद शहर में धारा 144 लगा दी गई है.
23 नवंबर को शिवसैनिक सुप्रीमो उद्धव ठाकरे भी करीब 4000 कार्यकर्ताओं के साथ अयोध्या पहुंचे हैं. वह अलग कार्यक्रम कर रहे हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने विहिप नेता के हवाले से कहा है कि करीब एक लाख आरएसएस कार्यकर्ता और करीब इतनी ही संख्या में विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता धर्म-सभा में शामिल हो रहे हैं. विहिप ने कार्यकर्ताओं के लिए तीन लाख फूड पैकेट का इंतजाम किया गया है. इस कार्यक्रम में हिन्दू दक्षिणपंथी कार्यकर्ता, सेवक और सैनिक शक्ति-प्रदर्शन से सरकार पर राम-मंंदिर बनाने के लिए दबाव बना रहे हैं.
आज तक वेबसाइट के मुताबिक, “पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि भीड़ जमा होने से अयोध्या में भय का माहौल है.” स्थानीय लोग सशंकित हैं और घरों में सामान खरीद कर रख रहे हैं. लोग साल 1992 जैसी घटना से डर रहे हैं.
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना तैनात करने की बात कही थी. उन्होंने आशंका जताई थी कि आयोजक संविधान को ताक पर रखकर किसी भी हद तक जा सकते हैं. लेकिन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सेना तैनात करने की जरूरत नहीं है.
सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए एडीजी आशुतोष पांडेय और आइजी एसएस बाघेल को विशेष अधिकारी नियुक्त किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इलाके में पीएमसी की 48 कंपनी, आरएफ की दो कंपनी, 30 एसपी, 350 उपनिरीक्षक, 175 हेड कॉन्स्टेबल, 1350 कॉन्स्टेबल, निगरानी के लिए दो ड्रोन लगाए गए हैं. प्रशासन ने कस्बे को सात जोन और 15 सेक्टरों में बांटा है.
इस मामले में दक्षिणपंथी पार्टियों के नेता लगातार बयान दे रहे हैं. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि हमने 17 मिनट में बाबरी तोड़ दी तो कानून बनाने में कितना टाइम लगता है? राष्ट्रपति भवन से लेकर यूपी तक बीजेपी की सरकार है. राज्यसभा में ऐसे बहुत सांसद हैं, जो राम मंदिर के साथ खड़े रहेंगे. जो विरोध करेगा, उसका देश में घूमना मुश्किल होगा.”
शिवसैनिक ‘पहले मंदिर फिर सरकार’ का नारा लगा रहे हैं. वहीं आरएसएस ने ‘मंदिर वहीं बनवाएंगे’ के नारे की जगह ‘मंदिर जल्द बनवाएंगे’ दोहरा रहे हैं.