राफेल डील पर अब सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का वक्त


 

बहुचर्चित राफेल डील घोटाले में दाखिल याचिका पर कल सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. इस याचिका में राफेल डील रद्द करने और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. कोर्ट ने बीते 14 नवंबर को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में दाखिल चार याचिकाओं पर सम्मिलित रूप से सुनवाई की है. इससे पहले इस मामले में एमएल शर्मा, विनीत धंदा और आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने याचिकाएं दाखिल की थी.

इसके अलावा इसी मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने पीआईएल भी दाखिल की थी.

इस पीआईएल में कहा गया है कि प्राथमिक तौर पर सबूतों से यह साफ होता है कि दसां के साथ हुए 36 राफेल विमानों के समझौते में अनियमितताएं बरती गई हैं. इस मामले में उच्च स्तर पर घोटाले की संभावना है, जिसकी विस्तृत जांच की जरूरत है.

याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि इस समझौते में प्रधानमंत्री ने नियमों को ताक पर रखकर फैसला लिया. इसमें कहा गया है समझौते की घोषणा के बाद कीमत को लेकर बातचीत शुरू हुई और इसके लिए गठित कमिटी की इजाजत तो घोषणा के लगभग एक साल बाद ली गई.

इस डील में सरकार पर आरोप हैं कि यूपीए सरकार की डील की अपेक्षा इस डील में जानबूझकर अधिक पैसा लगाया गया. इसके अतिरिक्त अनिल अंबानी के रिलायंस समूह को गलत तरीके से ऑफसेट सहायक के रूप में चुना गया.

इससे पहले हुई सुनवाई में सरकार की ओर बोलते हुए अटार्नी जरनल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि सरकार राफेल की कीमत नहीं बता सकती. सरकार की ओर से इसे गोपनीय सूचना बताया गया था.


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