भारत को मिलने वाली शैक्षणिक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहायता में 26 फीसदी की गिरावट: संयुक्त राष्ट्र


caste bands in tamilnadu's schools

 

भारत को शिक्षा के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलने वाली आर्थिक सहायता में करीब 26 प्रतिशत की गिरावट आई है, जो विश्व की तुलना में दो फीसदी कम है. संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी एक आंकड़े के अनुसार भारत ने वर्ष 2017 में 46.4 करोड़ डॉलर (लगभग 3 हजार 200 करोड़ रुपये) की मदद प्राप्त की थी.

जबकि इससे एक वर्ष पूर्व यानी 2016 में भारत को 63.4 करोड़ डॉलर (लगभग 4 हजार 400 करोड़ रुपये) की सहायता मिली थी. इस बात का खुलासा यूनेस्को की विश्व शिक्षा आर्थिक सहायता रिपोर्ट में हुआ है.

भारत को शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 2017 में प्राप्त हुई अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहायता पिछले चार वर्षों में सबसे कम रही. विश्व स्तर पर भारत को कम आर्थिक मदद मिलने का कारण देश में शिक्षा के क्षेत्र में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में बदलाव के साथ ही स्कूलों और बच्चों की संख्या का सही आंकड़ा पेश नहीं किया जाना माना जा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत को माध्यमिक शिक्षा के लिए मिलने वाली विश्व स्तरीय आर्थिक मदद में करीब 80 फीसदी की गिरावट आई है. वहीं उच्च-माध्यमिक शिक्षा में आर्थिक सहयोग का ग्राफ करीब 20 फीसदी गिरा है.

यूनेस्को ने कहा है कि उच्च-माध्यमिक शिक्षा के लिए भारत को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में वृद्धि तब तक नहीं की जाएगी जब तक विश्व बैंक देश में संचालित स्कूलों और उसमें पढ़ने वाले बच्चों की संख्या का सही ढंग से विश्लेषण नहीं कर लेगा.

वहीं भारत को शैक्षणिक कार्यों के लिए सबसे अधिक सहयोग करने वाली संस्था इंटरनेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (आईडीए) ने आगे मदद करने से इनकार कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक एसोसिएशन ने वर्ष 2017 में भारत को 24 करोड़ डॉलर (एक हजार 600 करोड़) की आर्थिक मदद की थी, जो वर्ष 2016 में प्रदान की गई 44.7 करोड़ डॉलर (तीन हजार 100 करोड़) की सहायता से काफी कम है.

आंकड़े बताते हैं कि एसोसिएशन की ओर से पिछले चार वर्षों में भारत को दिया गया ये सबसे कम आर्थिक सहयोग है. जबकि यूरोप और जर्मनी की ओर से भारत को शैक्षणिक कार्यों के लिए पहुंचाई जाने वाली मदद में बढ़ोत्तरी की गई है.

जबकि इंग्लैंड ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग के तौर पर भारत को वर्ष 2017 में 7.5 अरब डॉलर (52 हजार करोड़ रुपये) का आर्थिक सहयोग प्रदान किया है, जो पिछले दस वर्षों में सबसे कम रहा.

इधर भारत सरकार के एचआरडी कार्यालय के अनुसार हाल के वर्षों में देश ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा सुधार किया है और आगे शिक्षा के क्षेत्र में देश कम से कम अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मदद लेने की कोशिश करेगा .


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