दिल्ली पुलिस की महिला पट्रोलिंग टीम को गुलाबी वाहन देने पर सवाल
दिल्ली पुलिस की महिला पट्रोलिंग टीम को उनके पुरुष सहकर्मियों से अलग गुलाबी रंग का वाहन दिया गया है. बदलाव पर आपत्ति जताते हुए पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वर्दी सहित ड्युटी से जुड़ी सभी चीजें एक समान होनी चाहिए.
साल 2007 और 2009 के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस के आईपीएस अधिकारी विक्रम सिंह ने कहा कि जब कोई अधिकारी वर्दी पहनता है तो कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. इसी कारण से इसको वर्दी कहा जाता है. सिर्फ इसलिए कि ये महिला अधिकारी हैं तो उन्हें ऐसे वाहन नहीं देने चाहिए जो अलग दिखते हों. वर्दी, वाहन, हाथियार या गोला बारूद में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार 16 लोगों की टीम सितंबर महीने से उत्तर- पूर्वी दिल्ली की सड़कों पर पट्रोलिंग कर रही हैं, जो शहर के दूर-दराज हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए काम करती है. इसके साथ ही अब वे गुलाबी और सफेद वाहन का इस्तेमाल करती हैं, और गुलाबी हेलमेट पहनती हैं.
एक पुलिस अधिकारी, वेद प्रकाश सूर्या ने कहा, ‘चूंकि, दोनों लिंगों द्वारा पहनी जाने वाली वर्दी समान है, इसलिए महिला टीमें दूर से अलग नहीं दिखेंगी. हम महिलाओं की एक अलग टीम चाहते थे.’
पहली बार 2014 में बाइक का प्रयोग कई बदलावों से गुजरा है. मोटर साइकिलों को बाद में ऑफ-व्हाइट स्कूटर के साथ बदल दिया गया और इस सितंबर में स्कूटर को गुलाबी और सफेद रंग के चेक के साथ एक बदलाव दिया गया.
महिला टीम की एक सदस्य मालती शर्मा ने कहा कि दो घंटे की पट्रोलिंग स्कूलों, कॉलेजों, बाजारों और पार्कों के बाहर होती है.