VVPAT की गिनती में कोताही और कठघरे में निर्वाचन आयोग का आचरण, पिछली सरकारों के बजाय अपने रिकॉर्ड पर बात क्यों नहीं करते मोदी और क्या फिर क्षेत्रीय नैरेटिव से तय होगी राष्ट्रीय राजनीति?