जिदंगी से हार मान गए कॉफी किंग


 

बात उन आर्थिक दबावों और तनावों की जो एक उद्यमी की ज़िंदगी पर भारी पड़ सकते हैं. कॉफी किंग के नाम से मशहूऱ कैफे कॉफी डे के संस्थापक वी जी सिद्धार्थ के जीवन का दुखद अंत कुछ ऐसा ही संकेत कर रहा है. सिद्धार्थ के जीवन का दुखद अंत क्या सिर्फ उनकी निजी त्रासदी थी या ये घटना उन अड़चनों की ओर भी इशारा कर रही है जिनका सामना देश के बहुत सारे उद्यमियों को करना पड़ता है? क्या देश में आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ने की वजह से उद्योग जगत में निराशा का माहौल बन रहा है?


Exclusive