आर्थिक महाशक्ति के लुढ़कते बैंक


 

आर्थिक महाशक्ति यानी भारत जिसे पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दावा अब सरकार का ही नहीं, उनके समर्थकों का भी स्थायी मुहावरा बन गया है. लेकिन अर्थव्यवस्था को गति देने वाली संस्थाएं एक के बाद एक संकट में घिरती जा रही हैं. संकट में फंसे सार्वजनिक बैंकों की चर्चा के बीच अब यस बैंक का संकट सुर्खियाँ बटोर रहा है. यह पहला बड़ा निजी बैंक है, जिसके खाताधारकों पर RBI ने महीने में अधिकतम पचास हजार रुपये निकालने की सीमा तय कर दी है. इससे पहले PMC बैंक के साथ भी ऐसा हुआ था,लेकिन वह कोऑपरेटिव बैंक था. ऐसे में सवाल ये है कि क्या अर्थव्यवस्था का गतिरोध बैंकिंग व्यवस्था पर भारी पड़ रहा है?


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