क्या OIC भारत से ज्यादा पाकिस्तान को तवज्जो देता है


 

भारत को इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने का निमंत्रण 50 साल बाद मिला था. पाकिस्तान के विरोध करने के बावजूद ओआईसी ने भारत का न्योता रद्द नहीं किया. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ओआईसी की बैठक में शामिल भी हुईं. लेकिन बैठक में जो प्रस्ताव पास हुए उनमें से एक कश्मीर पर भी था. इस प्रस्ताव में पाकिस्तान का समर्थन करते हुए भारत पर निशाना साधा गया. ऐसे में सवाल ये है कि क्या कश्मीर पर ओआईसी के इस प्रस्ताव से भारत को मिले निमंत्रण का महत्व कम हो गया. सवाल ये भी है कि क्या भारत-पाकिस्तान रिश्तों में ओआईसी की कोई भूमिका बनती है.


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