पश्चिम एशिया में बढ़ता संकट
सऊदी अरब की तेल कंपनी आरामको की दो इकाइयों पर हमले के बाद इंटरनेशनल मार्केट में तेल के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. अगर तेल के दाम बढ़े तो आयात का बजट बढ़ेगा, डॉलर के मुकाबले रुपया और कमज़ोर होगा, देश में डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ेंगे, इससे महंगाई बढ़ेगी, ग्रोथ और घटेगी होगी. कुल मिलाकर मंदी की गिरफ्त और मज़बूत होगी. पश्चिम एशिया में बढ़ते संकट से क्या भारत की अर्थव्यवस्था का गणित बिगड़ सकता है?