सुनवाई ही सज़ा है


 

भीमा कोरेगांव केस में जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को करीब एक साल हो चुके हैं. पुलिस इस केस में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. केस कोर्ट में है लेकिन केस में आरोपी बनाए गए लोगों को जमानत नहीं मिल रही है. क्या भीमा कोरेगांव केस में गिरफ्तार लोगों के लिए सुनवाई ही सजा बन गई है?


Exclusive