संसद में कामकाज पर भारी सरकार की जिद
देश लोकसभा चुनाव की तैयारी में है और संसद का बेहद अहम शीतकालीन सत्र काम के बजाय सरकार की मनमानी और हंगामे की वजह से चर्चा में रहा है। शीतकालीन सत्र में कई अहम मुद्दों पर चर्चा होनी थी, कई अहम विधेयक पेश किए जाने थे लेकिन सरकार के जिद के कारण पूरे सत्र में हंगामा होता रहा। तो क्या मोदी सरकार संसद चलाने में नाकाम रही है ? सवाल इसलिए अहम है, क्योंकि संसद चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की होती है ?