In Depth: 4.5% भी परदा है, Economy का हाल कहीं ज्यादा बुरा


 

ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस साल की दूसरी तिमाही में GDP की वृद्धि दर गिर कर 4.5 फीसदी रह गई. ये अपने-आप में गहरी चिंता का विषय है. लेकिन अगर इस आंकड़े के अंदर झांक कर देखें तो इससे भी ज्यादा गहरी चिंता वाली खबरें हैं. मसलन, अर्थव्यवस्था के गैर-सरकारी हिस्से की वृद्धि दर गिर कर 3.1 प्रतिशत रह गई है. उधर बिजली और डीजल की खपत में बड़ी गिरावट आई है, जबकि रेलवे से होने वाली माल ढुलाई में भी गिरावट आई है. तो फिर सरकार का ये दावा कहां ठहरता है कि हमारी अर्थव्यवस्था महज वक्ती सुस्ती की शिकार है, मंदी की नहीं? एक चर्चा.


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