केरल विधान सभा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है. इसमें मांग की गई है कि इस कानून को रद्द किया जाए. केरल की इस सियासी पहल की क्या अहमियत है? क्या इसका सचमुच कोई असर होगा?