क्या किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है?


 

जनसरोकार के कार्यक्रम राजनीति में आज बात अन्नदाता की. आज बात उस किसान की जो साल के 365 दिन मेहनत कर देश का पेट भरता है. सरकार का दावा है कि देश का किसान खुशहाल है. लेकिन कृषि मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि नोटबंदी की मार ने किसान की कमर तोड़ दी है.

क्या नोटबंदी की मार झेल चुके किसान महज भाषण सुनकर अपनी तकलीफें भूल जाएंगे? क्या किसानों के नाम पर सिर्फ राजनीति हो रही है?

जानने के लिए देखिए ‘राजनीति’ का यह खास एपिसोड.


Exclusive