न सड़क, न सीवर, न पानी ये कैसी राजधानी


 

राजधानी की करीब 40 फीसदी आबादी यहां की कच्ची कॉलोनियों में बसती है. इन अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोग दशकों से ज़िन्दगी की बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं. सड़कें बनी नहीं हैं. ड्रेनेज सिस्टम का अभाव है. सड़कों पर बहता हुआ नालियों का पानी कई तरह के हादसों, बीमारियों का सबब बनता है. यहां लोग पानी की भारी किल्लत से जूझ रहे हैं. पानी की पाइपलाइन का अभाव है. अगर पाइपलाइनें बिछी भी हैं तो पानी की सप्लाई पर्याप्त नहीं है. लोगों को टैंकर का पानी ख़रीद कर ज़रूरत पूरी करनी पड़ती है. संगम विहार एशिया की सबसे बड़ी अवैध कॉलोनी है. सड़क, सीवर और पानी यहां के लोगों के लिए रोज़ का संघर्ष है. सवाल ये है कि इन अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के फैसले के इर्द-गिर्द चल रही सियासत के बीच आखिर कब राजधानी के इन इलाकों की तस्वीर बदलेगी.


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