आतंकवाद के मुकदमों का चौकीदार कौन


 

ये सवाल इसलिए क्योंकि 68 लोगों की जान लेने वाले समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट के केस में असीमानंद समेत चारों आरोपियों को इसलिए बरी करना पड़ा क्योंकि NIA ने अदालत में पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए. तो NIA ने ठोस सबूतों को अदालत में पेश क्यों नहीं किया ? क्या NIA ने किसी दबाव की वजह से जांच में लापरवाही बरती ?


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