CAA पर विरोधियों से संवाद के सारे रास्ते क्यों बंद कर रखे हैं सरकार ने, दिल्ली के चुनाव में भड़काऊ बयानों और गोलीबारी की घटनाओं पर आखिर बेअसर क्यों बना हुआ है निर्वाचन आयोग, और LIC और NHAI को निजी हाथों में देने को क्यों आमादा है सरकार?