ZOOM IN : मुद्दा सरकारी बैंकों के निजीकरण का


 

सरकार ने कहा है कि अब सिर्फ चार सरकारी बैंक रहेंगे. यानी बाकी बैंकों का या तो निजीकरण कर दिया जाएगा या फिर उनका एक-दूसरे में विलय किया जाएगा. आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? यह मजबूरी है या एक खास विचारधारा के तहत ऐसा किया जा रहा है? क्या सरकारी बैंकों के निजीकरण से उनकी समस्या हल हो जाएगी?


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