चीन में कोरोनावायरस से 56 लोगों की मौत, 600 नए मामले सामने आए


Coronavirus killed 56 people in China, 600 new cases reported

 

चीन में कोरोनावायरस के कहर से अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है और 1610 लोगों के वायरस की चपेट में आने की पुष्टि हुई है.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने इस नए आकड़े की घोषणा की है. शनिवार को हुई पिछली घोषणा के बाद 600 नए मामले सामने आए हैं.

राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि निमोनिया जैसे इस वायरस की वजह से 56 मौतें हो चुकी हैं जिनमें चीन के मध्य हुबेई प्रांत में ही अकेले 39 मौतें हुई हैं और एक मौत उत्तरपूर्वी प्रांत हीलोंगजियांग में हुई है.

आयोग ने बताया कि 2000 से ज्यादा अब संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट है.

यह वायरस बृहस्पतिवार तक हांगकांग, मकाऊ, ताइवान, नेपाल, जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका तक फैल गया था. जापान ने शुक्रवार को वायरस के दूसरे मामले की पुष्टि की थी.

इससे भारत के लिए चिंता पैदा हो गई है क्योंकि 700 भारतीय छात्र वुहान और हुबेई प्रांत के विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं और अब भी वहां फंसे हुए हैं. भारतीय दूतावास ने उनसे करीबी संपर्क बनाने के लिए हॉटलाइन्स स्थापित की हैं.

तेजी से फैल रहे कोरोनावायरस से निपटने के लिए चीन ने वुहान में 1,000 बिस्तर वाला अस्पताल बनाना शुरू कर दिया है जिसके दस दिन से कम समय में तैयार होने की उम्मीद है.

उसने वुहान तथा हुबेई प्रांत के 12 अन्य शहरों में इलाज के लिए सैन्य चिकित्सकों को तैनात करना भी शुरू कर दिया है. वुहान और हुबेई में सभी सार्वजनिक यातायात पूरी तरह से बंद हैं.

इस वायरस के चलते चीन के नववर्ष का जश्न भी फीका हो गया है.

वायरस के खौफ के चलते बीजिंग समेत कई शहरों में विशेष कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. इस उत्सव को वसंत महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. वायरस को फैलने से रोकने के लिए बीजिंग में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है.

चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई ने बीजिंग, हुबेई, हुनान, झेजियांग, अन्हुई और ग्वांगदोंग प्रांतों के बाद सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा की आपात प्रतिक्रिया का स्तर बढ़ाकर एक कर दिया है.

इस वायरस के प्रकोप के बीच चीन और अमेरिका के शोधकर्ता जानलेवा नए कोरोनावायरस के खिलाफ टीका बनाने पर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

अभी इस वायरस का कोई इलाज नहीं है. इस वायरस के निमोनिया जैसे लक्षण हैं और यह मनुष्यों के बीच संक्रामक रोग है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इतनी अधिक संख्या में मौतों के बावजूद इस वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित करने के फैसले को रोका हुआ है.


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